सर्वे में खोरठा की जगह कुड़मालि भरवाने का आरोप
छात्र संघर्ष मोर्चा ने कसमार प्रखंड के कई स्कूलों का निरीक्षण, जानकारी मिलने पर जताया विरोध
कसमार. छात्र संघर्ष मोर्चा ने स्कूलों में कराये जा रहे भाषा सर्वे के तहत कसमार प्रखंड के कई स्कूलों में खोरठा की बजाय जबरन कुड़नाली भरवाये जाने का कड़ा विरोध किया है. मोर्चा के पदाधिकारियों ने सोमवार को कसमार में पत्रकारों को एक बयान जारी कर बताया कि मोर्चा के एक दल ने कसमार प्रखंड के कई स्कूलों का भ्रमण कर इस संबंध में जानकारी ली. इस दौरान शिक्षकों द्वारा बताया गया कि सर्वे में पहले खोरठा भाषा ही भरी गई थी, परंतु कतिपय कुड़मियों द्वारा खोरठा हटा कर जबरन कुड़माली रखवा दिया गया है. मोर्चा के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि खोरठा क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य और इससे जुड़े डिग्रीधारियो के रोजगार के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे. मोर्चा के अध्यक्ष कमलेश महतो ने बताया कि कसमार क्षेत्र में खोरठा मातृभाषा है. यहां के सभी संप्रदाय के लोग दैनिक बोल-चाल में खोरठा भाषा का प्रयोग करते हैं. स्कूली बच्चे भी खोरठा ही बोलते हैं. कोई भी विद्यार्थी कुड़मालि नहीं बोलता है. उन्होंने कहा कि भाषा सर्वेक्षण मे खोरठा रखा जाय. नहीं तो इस क्षेत्र में पढ़ने वालों का भविष्य खतरे से पड़ जायेगा. मौके पर डॉ रितु घांसी, सुमन कूमार, संदीप महतो सुमित भारती, समरेश महतो, आशीष महतो, बिट्टू ठाकुर, महेंद्र घांसी, संजीत गंझु, नवीन घांसी, विकास करमाली, हेमंत कुमार महतो, लखन कुमार महतो, अंजू कुमारी, ऊषा मुंडा, मंजु कुमारी, देवानंद मुंडा, मुकेश कुमार, उर्मिला कुमारी, प्रतिमा कुमारी, कुमारी मीना, विनिता कुमारी, निशा कुमारी, सुजीत कुमार महतो आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है