बेरमो. गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड राज्य के पथ निर्माण विभाग में आमंत्रित व आवंटित निविदाओं में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने और इसमें संलिप्त संवेदकों व पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक, मुख्य सचिव, मंत्रिमंडल निगरानी एवं समन्वय विभाग के सचिव और संबंधित विभाग के सचिव को पत्र लिखा है. इसमें कहा कि आमंत्रित व आवंटित निविदाओं में बरती जा रही अनियमितता से सरकार को वित्तीय क्षति हो रही है. यह भी सूचना है कि जिन निविदाकारों के पक्ष में निविदा कार्यों का आवंटन किया गया है या किया जा रहा है, उनमें से अधिकतर निविदाकार की न्यूनतम निविदा राशि उस निविदा कार्य की बीओक्यू राशि से अधिक है. पथ निर्माण विभाग अंतर्गत समुचित श्रेणी में निबंधित तथा निविदा आमंत्रण एसबीडी द्वारा निर्धारित शर्तों व अहर्ताओं को पूर्ण करने वाले झारखंड राज्य से संबंधित कई निविदाकारों ने भी बिडिंग प्रक्रिया में भाग लिया हैं तथा जिनकी न्यूनतम निविदा राशि आमंत्रित निविदा के बीओक्यू राशि से भी कम है, उनके पक्ष में निविदा का निस्तारण नहीं किया जा रहा है. विभागीय पदाधिकारियों द्वारा कुछ चुने गये गये निविदाकारों को ही अधिक दर पर कार्य आवंटित किया जा रहा है. झारखंड सरकार के इ- टेंडर पोर्टल पर उपलब्ध सूचना के आधार पर एक तालिका संलग्न की जा रही है, जिसके अवलोकन से स्पष्ट होगा कि सरकार द्वारा निविदा कारों को टेक्निकल डिसक्वालीफाई कर सिर्फ दो-तीन निविदाकारों के फाइनेंशियल पार्ट को खोला जा रहा है. विभागीय पदाधिकारियों के इस कृत्य से सरकार को वित्तीय क्षति हो रही है, जो एक गंभीर जनहित का विषय है.
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