बेरमो, राकेश वर्मा : लंबे जद्दोजहद के बाद सीसीएल बीएंडके एरिया अंतर्गत कारो ओसीपी के विस्तार का मार्ग प्रशस्त हो गया है. कारो बस्ती की शिफ्टिंग के लिए नये पुनर्वास स्थल को लेकर कोयला मंत्रालय से एप्रूवल मिल गया है. मंगलवार को मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अरविंद कुमार के हस्ताक्षर से सीसीएल सीएमडी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. नये पुनर्वास स्थल में 12.897 एकड़ कोल बियरिंग लैंड है. इसके आरआर साइट के दो लोकेशन में से एक स्लरी पौंड करगली वाशरी की 7.847 एकड़ तथा दूसरे डीआएंडआरडी के घुटियाटांड़ साइट के 5.050 एकड़ में कारो बस्ती के ग्रामीणों के पुनर्वास किये जाने पर सहमति दी गयी है. इस दोनों साइट पर एप्रूवल कोयला मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2022 और 22 सितंबर 2022 के गाइडलाइन में संशोधन के बाद दिया है. इसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि कोल बियरिंग एरिया में आरआर साइट दिया जा सकता है. मालूम हो कि इस नये पुनर्वास स्थल की मंजूरी के लिए एरिया से प्रपोजल बना कर पहले सीसीएल बोर्ड में भेजा गया. सीसीएल बोर्ड से अनुशंसा मिलने के बाद इसे कोयला मंत्रालय भेजा गया था.
कारो बस्ती में हैं लगभग 480 पीएएफ
जानकारी के अनुसार कारो बस्ती में करीब 480 प्रोजेक्ट एफेक्टेड फैमिली (पीएएफ) हैं. प्रबंधन के अनुसार इनमें से लगभग 240 परियोजना प्रभावित परिवारों ने जमीन के बदले जमीन के बजाय पैसा लेने का ऑप्शन चुना है. शेष लगभग 240 परिवारों में कुछ लोग इधर-उधर बस गये हैं. लगभग 200 परिवार नये पुनर्वास स्थल पर जाना चाहते हैं. नये पुनर्वास स्थल में प्रत्येक व्यस्क (जिनकी उम्र 18 साल हो गयी है) को पांच डिसमिल जमीन प्लॉटिंग करके दिया जायेगा. प्रभावित परिवारों के घर की मापी व सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जो व्यस्क इस जगह पर शिफ्ट नहीं होना चाहेंगे, उन्हें छह लाख रुपये दिये जायेंगे.
नये पुनर्वास स्थल में फिलहाल मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा यहां बिजली, पानी, सड़क, तालाब आदि की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. दो सामुदायिक भवन भी बनना है. यहां शिफ्ट होने वाले लोगों को कोल इंडिया की एन्यूटी स्कीम का लाभ के अलावा विस्थापितों को को-ऑपरेटिव के माध्यम से एक करोड़ रुपये तक का ठेका कार्य दिया जायेगा. हाल के कुछ माह में क्षेत्रीय प्रबंधन ने कारो बस्ती के करीब आधा दर्जन ग्रामीणों को आवास की क्षतिपूर्ति (कंपनसेशन) राशि का चेक से भुगतान भी कर दिया है. इसके अलावा माइंस विस्तारीकरण के क्रम में सामुदायिक भवन की शिफ्टिंग के एवज में 11 लाख 62 हजार 960 रुपया तथा विवाह मंडप की शिफ्टिंग के एवज में छह लाख 23 हजार 138 रुपया उपायुक्त कार्यालय, बोकारो में जमा कराया है.
कोल बियरिंग एरिया कह कर वर्ष 2018 से मामला था पेंडिंग
जानकारी के अनुसार करगली स्लरी पौंड व घुटियाटांड़ के नये पुनर्वास स्थल को कोल बियरिंग एरिया कह कर वर्ष 2018 से मामला पेंडिंग रखा गया था. 15 जनवरी 2023 को स्व. जगरनाथ महतो को इस नये पुनर्वास स्थल का शिलान्यास करना था. लेकिन कोयला मंत्रालय से एप्रूवल नहीं आने के कारण अंतिम समय में प्रबंधन ने शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था. बताते चले कि पूर्व में यहां के लोगों को पेटरवार प्रखंड अंतर्गत पिछरी साइट-वन में शिफ्ट किया जाना था. 36 ग्रामीणों ने इस पर लिखित सहमति भी दी थी. इसके बाद प्रबंधन ने सारी सुविधाओं के साथ इस स्थल पर 36 लोगों के शिफ्ट करने को लेकर करीब एक करोड़ रुपये का फंड मुख्यालय से आवंटित कराया. लेकिन कोई ग्रामीण वहां शिफ्ट नहीं हुआ. इसके बाद फंड वापस मुख्यालय भेज दिया गया. इसके बाद पुन: पिछरी साइट-दो में शिफ्टिंग की योजना बनी और यह भी विफल हो गयी. इसके बाद फुसरो हिंदुस्तान पुल के निकट लोगों को शिफ्ट किये जाने पर सहमति बनी, लेकिन यह भी सफल नहीं हुआ. बाद में स्व. जगरनाथ महतो के प्रयास से करगली स्लरी पौंड व घुटियाटांड़ में लोगों को शिफ्ट किये जाने पर प्रबंधन ने सहमति जतायी थी.
17 जून से कारो ओसीपी से बंद है कोल प्रोडक्शन
मालूम हो कि कारो ओसीपी में उत्पादन के लिए जगह नहीं मिलने के कारण 17 जून से कोल प्रोडक्शन व ओबी रिमूवल का कार्य ठप है. आउटसोर्स कंपनी बीकेबी ने अपनी सारी मशीनों को यहां से हटा लिया है. कोयला का लोकल सेल भी बंद है. चालू वित्तीय वर्ष में इस परियोजना का उत्पादन लक्ष्य 30 लाख टन है.
कोयला मंत्रालय से नये पुनर्वास स्थल पर एप्रूवल मिल गया है. नये स्थल पर सारी सुविधाओं के साथ परियोजना प्रभावित परिवारों को बसाया जायेगा. विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर एरिया को मंत्रालय ने यह बड़ा तोहफा दिया है, जो कारो ओसीपी के माइंस विस्तारीकरण में सहायक सिद्ध होगा.
-एम कोटेश्वर राव, महाप्रबंधक, सीसीएल बीएंडके एरिया
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