काबुल से लौटे बोकारो के बबलू फिर कमाने क्यों गये बाहर, ये है उनकी पीड़ा
काबुल से लौटा बबलू एक बार फिर काम करने के लिए पंजाब रवाना हो गया. उन्होंने कहा कि तालिबान की आग से तो किसी तरह बच गया, लेकिन पेट की आग बेरोजगारी से कैसे बुझेगी. इसलिए काम करने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है.
Jharkhand News, बोकारो न्यूज : झारखंड के बोकारो जिले के बेरमो कोयलांचल के गांधीनगर में रहने वाले काबुल से लौटा बबलू कुमार 10 दिनों बाद ही बुधवार को फिर रोजगार की तलाश में पंजाब के लिए पलायन कर गया. प्रभात खबर प्रतिनिधि को वीडियो मैसेज भी किया और कहा कि घर की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. काबुल में जो काम किए थे, उसका भी पैसा नहीं मिला. ऐसे में पत्नी व बच्चों के लिए रोजी-रोटी की तलाश में पंजाब या कहीं भी जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि तालिबानी आग से तो बच गए, परंतु रोजगार नहीं मिला तो पेट की आग से कैसे बच पाएंगे.
बबलू ने कहा कि देखते हैं कि वहां कोई काम मिलता है कि नहीं. बबलू काफी मायूस तथा निराश दिख रहा था. उन्होंने कहा कि काबुल से लौटने के बाद दिल्ली से रांची, उसके बाद मेरे घर में मीडिया वालों का जमावड़ा लग गया था. सबों ने मेरी पीड़ा को दिखाया. साथ ही साथ मेरे वापस लौटने पर बधाई दी, परंतु किसी भी प्रशासनिक अधिकारी तथा सरकार के कोई भी प्रतिनिधि ने मेरी सुध लेने का प्रयास नहीं किया. न ही रोजी रोटी की कोई सुविधा दी.
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काबुल से लौटे बबलू ने कहा कि कुछ जनप्रतिनिधि पहुंचे भी तो सिर्फ आश्वासन मिला. रोजगार की बात किसी ने भी नहीं की. उन्होंने कहा कि कि मुझे कुछ होता है तो उसकी सारी जिम्मेवारी झारखंड सरकार पर होगी. तालिबानी आग से तो किसी तरह बच गये, लेकिन पेट की आग बेरोजगारी से कैसे बुझेगी. बच्चे और पत्नी का पेट कैसे भरेंगे. आखिरकार मजबूर होकर फिर बाहर कमाने जाना पड़ रहा है.
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Posted By : Guru Swarup Mishra