बोकारो, स्थापना काल से बोकारो इस्पात संयंत्र में सीक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से सभी यूनियनों की सदस्यता सत्यापन नहीं होने के मुद्दे पर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने रांची उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है. बीएकेएस ने अपील की है कि वह संबंधित पक्षों को निर्देश दे कि बीएसएल में सभी यूनियनों का सीक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से सदस्यता वेरिफिकेशन करवाये. बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम ने शनिवार को कहा : बोकारो इस्पात संयंत्र में वर्तमान में किसी भी यूनियन को रिकॉग्नाइज्ड ट्रेड यूनियन का दर्जा प्राप्त नहीं है. बीएकेएस ने कई बार सीएलसी, डीएलसी को पत्र लिखा था. किसी भी पक्ष द्वारा संज्ञान नही लेने पर न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया है. बगैर सदस्यता सत्यापन के हीं सात यूनियनों को मौखिक ही मान्यता दी गयी है. झारखंड श्रम विभाग में बगैर निबंधन के हीं कुछ यूनियनों को मौखिक रूप में मान्यता मिली है.
अनफेयर लेबर प्रैक्टिस के मामले पर अलग से मुकदमा दायर करेगी यूनियन
बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से खुलेआम आइएक्ट 1947 का उल्लंघन किया जा रहा है, जो आइडी एक्ट के अनुसूची-पांच के अनुसार अनफेयर लेबर प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है. अनफेयर लेबर प्रैक्टिस के मामले पर हमारी यूनियन अलग से मुकदमा दायर करेगी.दर्ज मुकदमे में यूनियन की ओर से उठाये गये मुद्दे :
बगैर किसी यूनियन के हीं एक खास व्यक्ति को रिकॉग्नाइज्ड ट्रेड यूनियन लीडर का लाभ देना, बगैर दस्तावेज के ही एक यूनियन के खास गुट को पीएफ कमेटी, कैंटीन कमेटी, सुरक्षा कमेटी में स्थान, कर्मियों या उनके प्रतिनिधियों को साथ लेकर ज्वाइंट वर्क्स काउंसिल, शिकायत निवारण कमेटी नहीं व कर्मचारी कल्याण कमेटी, आवास आवंटन कमेटी का गठन नहीं करनाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है