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SAIL और BSL कर्मियों के 39 माह के बकाया एरियर पर लगा बैरियर, BMS के कोर्ट केस से फंसा पेंच

बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल कर्मियों का 39 माह बकाया एरियर पर बैरियर लग गया है. एरियर सहित अन्य मुद्दों को लेकर शुक्रवार को नयी दिल्ली में NJCS सब कमेटी की बैठक बेनतीजा खत्म हो गयी. भारतीय मजदूर संघ ने कोर्ट में एरियर मामले को लेकर केस किया हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2022 9:08 PM

Jharkhand News: बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) सहित सेल (SAIL) कर्मियों के एरियर पर बैरियर लग गया है. भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोर्ट में जाने से 39 माह के बकाया एरियर का मामला उलझ गया है. बीएसएल सहित सेल कर्मियों के एरियर सहित अन्य मुद्दा को लेकर शुक्रवार को नयी दिल्ली में हुई NJCS सब कमेटी की बैठक बेनतीजा समाप्त हो गयी. बैठक में प्रबंधन को अच्छा बहाना मिल गया कि भारतीय मजदूर संघ ने कोर्ट में एरियर मामले में केस कर दिया है. यह सूचना देकर एरियर के मुद्दों को लटकाने का बहाना बाजी कर प्रबंधन एक तरह से बैठक को पुनः टाल दिया. इस तरह 39 महीने के बकाया एरियर को लेकर मामला उलझ गया है. सेल प्रबंधन को एरियर भुगतान में देरी करने बहाना मिल गया है. एरियर का मामला फंसने से कर्मियों में निराशा है.

सितंबर में दोबारा एनजेसीएस सब कमेटी की बैठक होगी

एरियर के सवाल पर सेल प्रबंधन की ओर से बैठक में कहा गया कि BMS मामले को लेकर कोर्ट गया है. यह न्यायिक प्रक्रिया में है. मामला कोर्ट में भी चल रहा है. इसको नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. यूनियन ने इसका विरोध किया. दोनों ओर से बहस हुई. इसके बाद प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि वर्तमान तिमाही का रिजल्ट देखने के बाद फैसला लिया जायेगा. बातचीत का दौर जारी रहेगा.इसे बंद नहीं किया जायेगा. चर्चा के बीच में लंच का समय हो गया. लंच के बाद दोबारा बैठक शुरू हुई. लेकिन, कोई फैसला न होने की वजह से समाप्त कर दी गयी. सितंबर में दोबारा एनजेसीएस सब कमेटी की बैठक होगी. एचआरए मुद्दा पर प्रबंधन ने कहा : इसपर अब तक कोई फॉर्मूला नहीं है. फॉर्मूला बनाने के बाद चर्चा होगी.

आने वाले दिनों में मुनाफा को देखते हुए एरियर पर विचार

बैठक में बहस के दौरान प्रबंधन ने बताया : एमओयू के समय प्रबंधन दो हजार करोड़ रुपये से अधिक प्रॉफिट होने पर एरियर अगले वित्त वर्ष में देने का प्रस्ताव रखा था. जिसे एमओयू में शामिल नहीं किया जा सका. अगला वित्त वर्ष मार्च 22 से शुरू हुआ है जो मार्च 23 तक रहेगा. इस बीच एक क्वार्टर का मुनाफा परिणाम बहुत उत्साह जनक नहीं है. फिर भी आने वाले दिनों में मुनाफा को देखते हुए एरियर पर विचार किया जा सकता है. यूनियन प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि प्रबंधन एमओयू के समय एरियर देने पर सहमति जताया था. लेकिन, भुगतान के बारे में कब और कैसे किया जायेगा, इसमें प्रॉफिट की शर्त अवश्य रखा था. लेकिन, एरियर भुगतान पर मैनेजमेंट की सहमति थी. ऐसी स्थिति में एरियर भुगतान की बहानाबाजी नहीं चलेगी.

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बारिश की वजह से बैठक तय समय से देरी से शुरू हुई

बैठक में रात्रि पाली भत्ता, वासिंग भत्ता, माइंस भत्ता सहित अन्य लंबित मुद्दों कोई बात नहीं हुई. बैठक में बताया गया की पिछली एनजेसीएस के फैसले के अनुसार, पे-स्केल व फिटमेंट का सर्कुलर जारी कर दिया गया है. सितंबर महीने में भुगतान कर दिया जायेगा. बैठक में एटक की ओर से डी आदि नारायणा, एचएमएस के राजेंद्र सिंह, इंटक के हरजीत सिंह और सीटू के विश्वरूप शामिल थे. बारिश की वजह से बैठक तय समय से देरी से शुरू हुई. सेल के अधिकारी व यूनियन के नेता रास्ते में ही फंस गये थे. ठेका मजदूरों के लिए गुरूवार को हुई सब-कमेटी में भी कोई निर्णय नहीं हुआ था. प्रबंधन ने ठेका मजदूरों को पहले से मिल रहे एडिशनल वेज एमिनिटि एडब्ल्यूए में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया. जिसे यूनियन ने रिजेक्ट कर दिया.

सेल ने 12 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया, पुराना कर्ज 13 हजार करोड़

यूनियन का स्पष्ट कहना था कि मजदूरी में पुनरीक्षण कर सेल स्तर पर ठेका मजदूरों का वेतन ढांचा बनाया जाना चाहिए. इस पर प्रबंधन ने कोई सहमति नहीं दी. बैठक बेनतीजा समाप्त हो गयी. सब-कमेटी में प्रबंधन ने लेखा-जोखा पेश किया. बताया : पूर्व में लिए गये कर्ज की अदायगी की जानकारी दी. बताया : वर्तमान में पुराना कर्ज 13 हजार करोड़ का बचा हुआ है. इधर, कंपनी की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए 12 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया गया है. सेल इकाइयों में प्रोजेक्ट के कार्य भी चल रहे हैं. इस्पात उत्पादन की बढ़ती लागत और प्रॉफिट में कमी की वजह से बजट बिगड़ रहा था. यही वजह है कि कंपनी को 12 हजार करोड़ का नया कर्ज लेना पड़ा है.इस बात की जानकारी प्रबंधन ने खुद यूनियन नेताओं को दी.

नौ अगस्त को हर प्लांट में जुझारू विरोध दिवस मनाया एटक

दोनों सब कमेटियों की बैठक में सेल प्रबंधन के नकारात्मक व टालमटोल के रुख को देखते हुए एटक के ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन ने फैसला किया है कि नौ अगस्त को हर प्लांट में एरियर, हड़ताल के कारण बदले की दमनकारी कारवाई की वापसी और ठेका मजदूरों के सवालों पर जुझारु विरोध दिवस मनाया जायेगा. बीएसएल सहित सेल में इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के बाद बैठक करके आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी करने पर विचार किया जायेगा. एटक का मानना है कि प्रबंधन सत्ताधारी बीएमएस के कथित केस को मोहरा बनाकर स्टील मजदूरों का एरियर के सवाल को लटका रहा है. एटक सभी संगठनों को एकजुट कर एक साथ कार्रवाई करने का प्रयास करेगा.

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रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो.

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