विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा : जल क्रीड़ा के लिए चंद्रपुरा में दामाेदर नदी का बरवाघाट तट हाल के दिनों में काफी चर्चित हुआ है. चिलचिलाती गर्मी में सुकून में यहां काफी संख्या में लोग आ रहे हैं. अभी प्रतिदिन दो-तीन हजार लोग आ रहे हैं. इसमें फुसरो, बेरमो, जैनामोड़ सहित धनबाद, रांची, रामगढ़, बोकारो जिला के लोग भी शामिल हैं. रविवार को यह संख्या बढ़ जाती है. यहां लोग घंटों नदी में नहाते हैं और इस स्थल का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में डालते हैं. कई ग्रुप के यहां आने का उद्देश्य यहां की खुबसूरती को पूरे झारखंड में दिखाना होता है. ऐसे लोग ड्रोन कैमरे से वीडियो बनाते हैं. सोशल मीडिया और यू ट्यूब में इस स्थल के वीडियो भरे पड़े हैं.
खतरनाक स्टंट करते हैं कई युवा :
यहां आने वाले कई युवा नदी के बीचों बीच बने चबूतरे पर खड़े होकर 20 फीट नीचे पानी में छलांग लगाते हैं. यह खतरनाक है. दक्षिणी दिशा में बने चबूतरे से पांच साल पहले नदी में छलांग लगाने के क्रम में पश्चिमपल्ली के एक युवक की मौत हो गयी थी. यहां पानी के नीचे बड़े-बड़े चट्टान हैं. इन चट्टानों में फंसने की भी घटनाएं घट चुकी हैं. डीवीसी के स्थानीय प्रबंधन ने उत्तरी दिशा में एक बोर्ड भी लगाया है, जिसमें नदी में नहीं उतरने की सलाह दी गयी है.नदी में डीवीसी ने बनाया है बांध :
चंद्रपुरा में नया प्लांट बनाने के क्रम में 15 साल पहले डीवीसी ने बरवाघाट में दामोदर नदी में बांध (बिअर) बनाया था. इसका उद्देश्य था कि नदी के पानी को रोक कर उसका उपयोग प्लांट में बिजली बनाने व आवासीय कॉलोनी में पेयजल के लिए किया जाये. नदी के बीचों बीच पानी को रोकने के लिए एक छोर से दूसरे छोर तक ढलाई की गयी. उत्तरी छोर पर गेट बनाया गया और दक्षिणी छोर पर जगह-जगह चबूतरा बनाया गया है. बीच में जगह छोड़ा गया है, ताकि नदी का पानी ऊपर से बहता रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है