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Bokaro News : मोहन टिंबर मामले में बीएसएल व वन विभाग में चल रही है पत्राचार की लड़ाई

Bokaro News :बीएसएल : वन विभाग आरा मशीन चलाने का लाइसेंस रद्द करे

Bokaro News : उकरीद मोड़ स्थित मोहन टिंबर मामले में बोकारो इस्पात प्रबंधन व वन विभाग में पत्राचार की लड़ाई चल रही है. सालों से बीएसएल प्रबंधन मोहन टिंबर के आरा मशीन लाइसेंस रद्द करने को लेकर वन विभाग को पत्र लिख रहा है. वन विभाग भी बीएसएल व मोहन टिंबर को पत्र लिखकर जवाब दे रहा है. बीएसएल ने 28 दिसंबर 2024 को वन विभाग को फिर से पत्र लिख कर आरा मशीन का लाइसेंस रद्द करने की बात कही है, लेकिन वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग दिसंबर 2023 में आरा मिल को हटाने की बात बीएसएल को कह चुका है. छह दिसंबर 2023 को वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बीएसएल के महाप्रबंधक (नगर प्रशासन) को पत्र लिख कर स्पष्ट किया है कि अगर बीएसएल की भूमि पर अतिमक्रमण कर कोई आरा मिल या लकड़ी का गोदाम का संचालन किया जा रहा है तो बीएसएल अपने स्तर पर कार्रवाई के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है. कार्रवाई पर वन विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी.

मोहन टिंबर ने शिफ्टिंग को लेकर स्टेट लेवल कमेटी को लिखा है पत्र :

इधर, मोहन टिंबर ने वन विभाग की स्टेट लेवल कमेटी को दो सितंबर 2024 को पत्र लिखकर शिफ्टिंग की बात कही है. पत्र में टिंबर के मोहन लाल जैन ने कहा है कि टिंबर को उकरीद से हटाकर कमलाडीह मौजा, खाता नंबर 48 प्लॉट संख्या 380, 379 व 381 में शिफ्ट किया जायेगा. इस पत्र के आलोक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने एक अक्तूबर 2024 को बोकारो के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक को स्थल परिवर्तन के आवेदन पर राज्य स्तरीय समिति के विचारार्थ सभी संबंधित अभिलेखों सहित सु-स्पष्ट अनुशंसा उपलब्ध कराने की बात कही है.

इससे पहले बीएसएल की ओर से 2023 में मोहन टिंबर को लेकर वन विभाग को पत्राचार शुरू किया गया. इसी बीच मोहन टिंबर हाईकोर्ट चले गये. हाई कोर्ट में वन विभाग को भी पार्टी बनाया. मार्च 2024 में हाई कोर्ट ने निर्देश दिया की संपदा न्यायालय में अपनी बात रखें. 21 मई 2024 में संपदा न्यायालय में बात रखने के बाद न्यायालय की ओर से टिंबर को अवैध करार दिया गया. सात अगस्त 2024 को बीएसएल ने एक बार फिर से वन विभाग को पत्र लिखकर लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्राचार किया. 31 अगस्त को डीएफओ ने वन क्षेत्र पदाधिकारी को लाइसेंस रद्द करने का निर्देश दिया, लेकिन, दो सितंबर को मोहन टिंबर ने स्टेट लेवल कमेटी में शिफ्टिंग के लिए पत्र लिखा. इसके बाद लाइसेंस रद्द का अधिकार स्टेट कमेटी के पास चला गया.

कनेक्शन हटाने के लिए बिजली विभाग को पत्र :

बताते चलें कि 12 दिसंबर 2024 को भी बीएसएल प्रबंधन मोहन टिंबर के बेदखली के लिए गया था, लेकिन, सुरक्षा कारणों से कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी. इधर, बीएसएल ने बिजली विभाग को भी 28 दिसंबर 2024 को मोहन टिंबर को दी गयी बिजली कनेक्शन हटाने के लिए पत्राचार किया है. बीएसएल की ओर से कहा गया है कि मोहन टिंबर को बिजली का कनेक्शन विभाग द्वारा बोकारो इस्पात संयंत्र के अनुमति के बिना दिया गया है, जो गंभीर मामला है.

पता कहीं का और बिजली उपभोग कहीं और :

बिजली विभाग को लिखे पत्र में कहा गया है कि मोहन टिंबर की ओर से प्रस्तुत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का बिजली उपभोग बिल से संबंधित दस्तावेज मोहन कुमार के नाम पर है, जिसका पता राजेंद्र नगर है. बिजली विभाग से पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में राजेंद्र नगर पता पर लिया गया बिजली कनेक्शन को उकरीद मोड़ पर आरा मशीन के संचालन के लिए उपलब्ध करायी गयी है. यह चिंताजनक व जांच योग्य है. बीएसएल ने बिजली विभाग को इससे पहले भी 04 पत्र दे चुका है. लेकिन, कोई समुचित कार्रवाई नहीं हुई है.

बोले डीएफओ :

इस संबंध में पूछने पर बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार ने कहा कि दिसंबर 2023 में ही स्पष्ट तौर पर कह दिया गया था कि बीएसएल मोहन टिंबर पर कार्रवाई करे, इसमें वन विभाग को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी. लेकिन, बीएसएल कार्रवाई करने की जगह पत्र लिख रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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