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BOKARO NEWS : बेरमो : 1980 से अब तक सात बार हारी भाजपा, तीन बार जीती

BOKARO NEWS : इस सीट पर वर्ष 1980 से अब तक भाजपा को दस बार में मात्र तीन बार जीत मिली है और सात बार हार का सामना करना पड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 23, 2024 11:24 PM
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बेरमो़ बेरमो विस सीट से भाजपा प्रत्याशी गिरिडीह के पांच बार के सांसद रहे रवींद्र कुमार पांडेय को 57556 मत के साथ तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. दूसरे स्थान पर रहे जेएलकेएम प्रत्याशी जयराम महतो को भाजपा से 2133 मत ज्यादा 59689 मत मिले. इस सीट पर वर्ष 1980 से अब तक भाजपा को दस बार में मात्र तीन बार जीत मिली है और तीन बार हार का सामना करना पड़ा है. 1980, 2005 तथा 2014 में भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली. 1980 में 23 हजार वोट से अपना सफर शुरू करने वाली भाजपा को 2019 के विस चुनाव में अब तक का सर्वाधिक करीब 82 हजार वोट प्राप्त हुआ था. वर्ष 1980 में भाजपा ने पहली दफा बेरमो के चर्चित समाजवादी व मजदूर नेता रामदास सिंह को पार्टी प्रत्याशी बनाया था. इससे पूर्व वह 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर गिरिडीह के सांसद बन चुके थे. 1980 के विस चुनाव में रामदास सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर प्रसाद सिंह (केपी सिंह) को 5986 मतों के अंतर से पराजित किया था. इसके बाद 1985 के विस चुनाव में भाजपा ने पुनः रामदास सिंह को प्रत्याशी बनायाए लेकिन वे तीसरे स्थान पर चले गये. इस चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह (30029 मत) जीते. दूसरे स्थान पर रहे सीपीआइ प्रत्याशी शफीक खान को 20333 तथा तीसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी रामदास सिंह को 10600 वोट मिले. 1990 के विस चुनाव में भाजपा ने बेरमो सीट से प्रत्याशी बदला और रामदास सिंह की जगह उनके भतीजे मजदूर नेता मधुसूदन प्रसाद सिंह को टिकट दिया. इस बार भी भाजपा तीसरे स्थान पर चली गयी. कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 37018 वोट लाकर दूसरी बार जीत दर्ज की. दूसरे स्थान पर सीपीआठ के शफीक खान रहे, जिन्हें 31721 मत मिले. मधुसूदन प्रसाद सिंह को 15858 मत मिले. 1995 के चुनाव में भाजपा ने फिर प्रत्याशी बदला और डॉ प्रह्लाद वर्णवाल को टिकट दिया. इस चुनाव में तीसरी बार कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीते और 40361 वोट मिले. 39550 मत लाकर दूसरे स्थान पर सीपीआइ के शफीक खान और 16390 मत लाकर जेएमएम के लालू सोरेन तीसरे स्थान पर रहे. भाजपा चौथे स्थान पर चली गयी. डॉ प्रह्लाद वर्णवाल को 15580 मत मिले. 1996 के लोस चुनाव में गिरिडीह में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की चुनावी सभा में बेरमो के दग्गिज कांग्रेसी व इंटक नेता रामाधार सिंह उर्फ मालिक बाबू ने भाजपा का दामन थामा था. इसके बाद 2000 के बेरमो विस चुनाव में भाजपा ने रामाधार सिंह को प्रत्याशी बनाया. हालांकि इस चुनाव में बेरमो के ही विजय नारायण सिंह का भाजपा से टिकट फाइनल हो गया था लेकिन अंतिम समय में टिकट काटकर रामाधार सिंह को दिया गया था. इस चुनाव में चौथी दफा कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की. उन्हें 46483 वोट मिला. जबकि दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी रामाधार सिंह को 27494 मत मिला. तीसरे स्थान पर सीपीआई के शफीक खान को 16788 वोट मिले. लगातार हार रही भाजपा ने वर्ष 2005 में अचानक झामुमो से आये योगेश्वर महतो बाटुल को प्रत्याशी बना दिया. इस चुनाव में वह 47569 मत लाकर जीत गये. दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह को 36108 तथा तीसरे स्थान पर रहे सीपीआइ के प्रत्याशी आफताब आलम खान (स्व शफीक खान के पुत्र) को 29116 मत प्राप्त हुआ. 2009 के चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 47744 मत लाकर जीत दर्ज की. दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को 41133 तथा तीसरे स्थान पर रहे सीपीआइ प्रत्याशी आफताब आलम खान को 20549 मत मिला. 2014 के चुनाव में भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल ने 80489 मत लाकर दूसरी बार जीत दर्ज की. कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह 67876 मत लाकर दूसरे स्थान रहे. 2019 के चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 88945 वोट लाकर छठी बार जीत दर्ज की, जबकि भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल 63773 मत लाकर दूसरे स्थान पर तथा आजसू के काशीनाथ सिंह 16546 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद 2020 के उप चुनाव में राजेंद्र प्रसाद सिंह के पुत्र कुमार जयमंगल ने जीत दर्ज की.

तीन बार जनसंघ प्रत्याशी भी आजमा चुके हैं भाग्य :

बेरमो विस सीट पर भाजपा से पहले भारतीय जनसंघ (जलता दिया छाप) भी चुनाव लड़ता रहा है. 1977 के पहले डुमरी विस क्षेत्र का नावाडीह प्रखंड बेरमो विस क्षेत्र में ही आता था. 1967 के विस चुनाव में भारतीय जनसंघ के गुणेश्वर प्रसाद ने चुनाव लड़ा तथा 2089 वोट लाकर पांचवें स्थान पर रहे. 1969 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी रामलखन प्रसाद थे तथा 1833 वोट लाकर पांचवें स्थान पर रहे. 1972 के विस चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी यमुना सिंह 7098 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

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