परिवार से दूर रह कोरोना से जंग में शामिल हैं बेरमो प्रखंड के पदाधिकारी
फुसरो : कोरोना संक्रमण की रोकथाम को ले जारी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने को बेरमो प्रशासन के अधिकारी अपने परिवार से दूर रहकर इस जंग में अपना योगदान दे रहे हैं. लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने को बाजारों, चौक-चौराहों व गली-मुहल्लों में घूमकर स्थिति का जायजा लेते हुए लोगों को हिदायत […]
फुसरो : कोरोना संक्रमण की रोकथाम को ले जारी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने को बेरमो प्रशासन के अधिकारी अपने परिवार से दूर रहकर इस जंग में अपना योगदान दे रहे हैं. लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने को बाजारों, चौक-चौराहों व गली-मुहल्लों में घूमकर स्थिति का जायजा लेते हुए लोगों को हिदायत भी दे रहे हैं. जरूरतमंदों को हर संभव सहयोग व उनकी परेशानियों का समाधान करने में जुटे हुए है. अपने आप को सुरक्षित रखते हुए दिन भर अपने दायित्व का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं. बेरमो प्रखंड बीडीओ प्रवीण चौधरी और बेरमो अंचल सीओ मनोज कुमार ने प्रभात खबर से अपनी बात साझा की और लोगों को भी एक संदेश दिया है.
चार माह पहले मिला था परिवार से : प्रवीण चौधरी, बीडीओ बेरमो के बीडीओ प्रवीण चार माह पहले दुमका अपने घर जाकर बीवी, बच्चों व परिवार से मिले थे. लॉकडाउन के कारण अब मुलाकात नहीं हो पायी है. इस दौरान उनका कामकाज भी बढ़ गया है. उन्हें स्वयं ही खाना बनाना पड़ रहा है. कहते हैं कि कभी थकान के कारण बगैर खाये ही सोना पड़ जाता है. दो पुत्री व एक पुत्र और पत्नी से फोन पर ही हालचाल ले लेते हैं. उन्हें भी सुरक्षित तरीके से रहने की सलाह देते है. अभी चंद्रपुरा प्रखंड में संक्रमित मरीज पाये जाने के कारण सुबह छह से लेकर दोपहर दो बजे तक चंद्रपुरा थाना के कंट्रोल रूम में काम करना पड़ रहा है.
इसके बाद प्रखंड की विधि-व्यवस्था की निगरानी करनी पड़ती है. फोन से लोगों की समस्याएं भी आती हैं. उनके निदान के लिए स्पॉट पर जाना पड़ता है. इस दौरान खुद को सुरक्षित रखते हुए लोगों से मिलन पड़ता है. लॉकडाउन में परिवार से संभव नहीं : मनोज कुमार, सीओ बेरमो अंचल बेरमो के सीओ मनोज कुमार को लॉकडाउन से पूर्व रांची स्थित अरगोड़ा में जाकर पत्नी, बच्चों व परिवार के सदस्यों से मिलने का मौका मिला था. उसके बाद लॉकडाउन में अब तक परिवार के लोगों से मिलना नहीं हुआ है.
एक पुत्र व एक पुत्री और पत्नी के साथ फोन व वीडियो कॉल पर ही बात कर हालचाल लेते रहते हैं. उन्हें भी सुरक्षित तरीके से घर में रहने की सलाह देते हैं. कहते हैं कि अपने कामकाज में व्यस्त होने के बाद भी अपना ख्याल रखना पड़ता है. 24 घंटे में किसी भी सूचना पर काम करने के लिए तत्पर रहना पड़ता है. सुबह से शाम तक जन समस्याएं फोन पर आती हैं. उनके समाधान करने का प्रयास किया जाता है. वे कहते हैं कि जो उनके स्तर से संभव नहीं होता, वरीय अधिकारियों के संज्ञान में उसे दे दिया जाता है. कहते हैं कि इस समय लॉकडाउन का पालन करवाना भी चुनौती है. इसके कारण क्षेत्र का अधिक दौरा करना पड़ता है. वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर भी कामकाज किया जा रहा है.