Jharkhand News: जंगल में बकरी चराते-चराते संताली गायक बने बीरालाल बेसरा, यू-ट्यूब पर धूम मचा रहे इनके गानें
बोकारो के नक्सल प्रभावित गोमिया प्रखंड के हलवैय गांव का बीरालाल बेसरा जंगल में बकड़ी चराते-चराते संताली गायक बन गया. स्कूली शिक्षा के बाद बचे समय में बकरियों को लेकर जंगल ले जाने के दौरान गुनगुनाते रहता था. धीरे-धीरे गानों के प्रति उसकी रुचि बढ़ी और आज सोशल मीडिया में इसके गाने धूम मचा रहे हैं.
ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र तिलैया पंचायत के संताली बहुल गांव हलवैय का एक युवा बीरालाल बेसरा (27 वर्ष) बकरी चराते-चराते संताली भाषा के गायक बन गये. आज इनके गानें यू-ट्यूब पर धूम मचा रहा है. बीरालाल की खासियत है कि महिला और पुरुष दोनों आवाज में ये गाना गाते हैं. बीरालाल झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम समेत नेपाल तक स्टेज शो कर चुके हैं.
बकरी चराते-चराते बने सिंगर
बीरालाल बेसरा लुगू पहाड़ के निकट जिनगा पहाड़ के तलहटी का रहनेवाला है. इसके पिता दिहाड़ी मजदूर है. बीरालाल की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय, दनिया से हुई. स्कूल से आने के बाद बचे समय में घर के बकरी चराने के लिए निकट के जंगल में चले जाता था. वहीं, गीत का गुनगुनाते रहता था. बीरालाल को संताली गीतों से काफी लगाव रहा. बीरालाल स्नातक तक की पढ़ाई कर चुका है.
स्टेज शो कर हर महीने 25 से 30 हजार रुपये की हो रही आमदनी
बीरालाल आज स्टेज शो कर हर महीने करीब 30 हजार रुपये कमा रहा है. बीरालाल की ख्वाइश है कि हिन्दी में भी महिला-पुरुष के आवाज में गाना गा सके. बीरालाल को नागपुरी गीतों से काफी प्रसिद्धि मिली है. इनके गाने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दे रहा है.