बेरमो. चलकरी में रामभक्त केवट की जयंती बुधवार को मनायी गयी. लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. विस्थापित नेता काशीनाथ केवट ने कहा कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण से उनकी भेंट उनके वनवास के दौरान होती है. उन्होंने तीनों को अपनी नाव से नदी पार कराया था. आगे कहा कि केवट जाति देश की मूल एवं प्राचीनतम जातियों में से एक है. स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस जाति के शूरवीरों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और शहादत दी. लेकिन आज इस जाति के समक्ष अस्तित्व की रक्षा का सवाल उठ खड़ा हुआ है. केवट जाति को आदिवासी का दर्जा मिलना चाहिए. कार्यक्रम की अध्यक्षता चुनिलाल केवट और संचालन भूषण केवट ने किया. मौके पर सुखदेव केवट, रामप्रसाद केवट, भोला केवट, मधु केवट, नारायण केवट, चुरामन केवट, वीरेंद्र आदि मौजूद थे.
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