बीएंडके एरिया : डेढ़ दशक में उत्पादन 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा

बीएंडके एरिया : डेढ़ दशक में उत्पादन 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2024 11:06 PM

बेरमो. समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के बीएंडके एरिया ने कोयला उत्पादन में पूरे सीसीएल में चौथा तथा बेरमो में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछले डेढ़ दशक के अंतराल में एरिया का उत्पादन सालाना 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा है. वर्ष 2008-09 में एरिया का उत्पादन लगभग 25 लाख टन था और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 70-80 लाख टन पहुंच गया है. नये वित्तीय वर्ष 2024-25 में एरिया का उत्पादन लक्ष्य नौ मिलियन टन तथा ओबी निस्तारण का लक्ष्य 9.65 मिलियन घन मीटर टन है. पहले बीएंडके एरिया में बोकारो कोलियरी, करगली कोलियरी, कारो ओसीपी, केएमपी ओसीपी, कबरीबांध, गिरिडीह कोलियरी (सभी खुली खदान) के अलावा बेरमो सीम इंकलाइन एवं केएसपी फेज दो भूमिगत खदानें शामिल थीं. वर्ष 2018-19 में कबरीबांध व गिरिडीह कोलियरी को ढोरी एरिया में शामिल किया गया. फिलहाल कबरीबांध व गिरिडीह कोलियरी को मिला कर अलग स्वतंत्र एरिया बना दिया गया है. फिलहाल बीएंडके एरिया में मात्र तीन परियोजना रनिंग में हैं. इसमें केएमपी व कोनार को मिला कर एकेके ओसीपी के अलावा कारो ओसीपी व बोकारो कोलियरी है. करगली कोलियरी से 2015-16 से कोयला उत्पादन ठप है. भूमिगत खदान बेरमो सीम इंकलाइन व केएसपी फेज-दो परियोजना को सात-आठ साल पहले हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है. बीएंडके एरिया की तीनों रनिंग माइंस में फिलहाल शिफ्टिंग व विस्थापन समस्या है. खासकर कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट में शुमार एकेके परियोजना माइंस विस्तार के क्रम में जमीन विवाद के कारण भी कई तरह की बाधाएं आ रही हैं. माइंस से सटे बरवाबेड़ा गांव के दरगाह मोहल्ला को प्रबंधन जल्द शिफ्ट करना चाह रहा है. प्रबंधन ने बरवाबेड़ा गांव को ही फेस टू के समीप पुनर्वास स्थल में सारी सुविधाओं के साथ बसाने की पूरी तैयारी कर ली है, जिसकी प्रक्रिया भी जारी है. इसके अलावा जारंगडीह ढोरी माता अस्पताल के समीप जंगल में बने मैगजीन को भी शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि माइंस विस्तार हो सके. इसी तरह कारो ओसीपी में माइंस विस्तार के लिए शिफ्टिंग बडी समस्या है. कारो माइंस सटे इलाके के ग्रामीणों को शिफ्ट करने के लिए करगली स्लरी पौंड के निकट छह करोड़ रुपये की लागत से कार्य चल रहा है. यहां फिलहाल 200 ग्रामीणों को शिफ्ट किया जाना है. अगर यहां जल्द शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी तो कारो ओसीपी से जल्द ही कोयला उत्पादन पुन: बंद जायेगा. इसके अलावा सौ से ज्यादा पुरानी बोकारो कोलियरी के माइंस विस्तार में भी शिफ्टिंग समस्या है. कोलियरी की डीडी माइंस से फिलहाल उत्पादन चल रहा है. माइंस विस्तार के लिए 11 सौ संगठित व असंगठित मजदूरों को शिफ्ट किया जाना था. 866 लोगों को अभी तक शिफ्ट किया जा चुका है. शिफ्टिंग का काम पूरा हो जाने के बाद यहां से कुल 16 लाख टन कोयला मिलेगा. जबकि माइंस के साउड साइड में ओबी रि-हैंडल करने के बाद पांच लाख टन कोयला मिलेगा. इसके बाद कोलियरी से आने वाले उत्पादन-उत्पादकता के संकट को देखते हुए अब इस कोलियरी को लॉन्ग टर्म आउटसोर्सिंग से चलाने की प्रबंधकीय कवायद चल रही है. बीएंडके एरिया का कोयला उत्पादन वित्तीय वर्ष उत्पादन 2008-09 2549843 2009-10 2851783 2010-11 2650501 2011-12 2346970 2012-13 2593685 2013-14 2670076 2014-15 4540490 2015-16 5368238 2016-17 6015278 2017-18 6551601 2018-19 6444737 2019-20 7933334 2020-21 4761536 2021-22 7139828 2022-23 8150736 2023-24 7002134 डेढ़ दशक में पहली बार बोकारो कोलियरी ने तीन लाख टन से ज्यादा उत्पादन किया बीएंडके एरिया की पुरानी बोकारो कोलियरी ने डेढ़ दशक में पहली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 में तीन लाख टन से ज्यादा कोयला उत्पादन किया. वित्तीय वर्ष उत्पादन 2008-09 171914 2009-10 105660 2010-11 33393 2011-12 38018 2012-13 67006 2013-14 53877 2014-15 95765 2015-16 84113 2016-17 96066 2017-18 98812 2018-19 102897 2019-20 210823 2020-21 297948 2021-22 144799 2022-23 309813 2023-24 324825 2016-17 से केएसपी फेज दो व 2018-19 से बंद हुआ बीएसआइ बीएंडके एरिया की भूमिगत खदान गोविंदपुर फेज दो परियोजना को वित्तीय वर्ष 2016-17 से बंद कर दिया गया. इसके पहले के वित्तीय वर्ष 2015-16 तक इस यूजी माइंस से 4617 टन कोयला उत्पादन किया गया था. वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 से बेरमो सीम इंकलाइन को बंद कर दिया गया. इसके पहले के वित्तीय वर्ष 2017-18 तक इस भूमिगत खदान से 4994 टन कोयला उत्पादन किया गया था.

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