Jharkhand Tourism:बोकारो जैविक उद्यान में कंपकंपाती ठंड में कैसे रह रहे हैं पशु-पक्षी, क्या है व्यवस्था ?
बोकारो जैविक उद्यान में चिड़ियों को ओस से बचाने के लिए शेड बनायी गयी है. भालू के बाड़े में हीटर की व्यवस्था की गयी है. भालू को खाने में शहद दिया जा रहा है. जानवरों को अधिक से अधिक धूप में रखा जा रहा है. धूप होने के बाद ही जानवरों को बाड़े के बाहर निकाला जा रहा है.
Jharkhand Tourism: बोकारो के सेक्टर-4 स्थित जैविक उद्यान में पशु-पक्षियों को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन किये जा रहे हैं. पाइथन, बर्ड, मंकी, अजगर व हिरण के बाड़े में पुआल की सेज बनी है. हिरण ब्लैक बक, सांभर सहित अन्य जानवरों के केज में नियमित रूप से अलाव जलाया जा रहा है. इतना ही नहीं, धूप निकलने के बाद ही जानवरों को बाड़े से बाहर लाया जा रहा है. पेड़ों की डालियां काट दी गयी हैं, ताकि इन्हें अच्छी धूप मिल सके.
धूप होने के बाद बाड़े से बाहर निकल रहे हैं जानवर
चिड़ियों को ओस से बचाने के लिए शेड बनायी गयी है. भालू के बाड़े में हीटर की व्यवस्था की गयी है. भालू को खाने में शहद दिया जा रहा है. जानवरों को अधिक से अधिक धूप में रखा जा रहा है. धूप होने के बाद ही जानवरों को बाड़े के बाहर निकाला जा रहा है, ताकि वे गुनगुनी धूप का आनंद ले सकें.
पेड़ों की छंटाई की गयी है, ताकि जानवरों को धूप मिल सके
पशु-पक्षियों के बाड़े के बाहर के पेड़ की डालियां काट दी गयी हैं, ताकि जानवरों को गुनगुनी धूप मिल सके. जानवरों के बाड़े की खिड़की और दरवाजे पर बोरे के पर्दे लगाये गये हैं, ताकि रात में ठंडी हवा से बचाव हो सके. पेड़ों की छंटाई की गयी है, ताकि जानवरों को धूप मिल सके.
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रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो