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बोकारो : बीएसएल कर्मियों को मिले 40,500 रुपया से ज्यादा बोनस, वार्षिक बोनस भुगतान के समय हर वर्ष पैंतराबाजी

बैठक में यूनियन नेताओं ने कहा कि वार्षिक बोनस भुगतान के समय हर वर्ष प्रबंधन कुछ न कुछ नया पैंतराबाजी शुरू कर देता है. इसका मकसद रहा है कि कैसे भी कम-से-कम बोनस मजदूरों को भुगतान किया जाए.

  • कम बोनस के विरोध व अन्य मांगों को ले बीएसएल गेटपास सेक्शन पर प्रदर्शन

  • सेक्टर टू स्थित इंटक कार्यालय में हुई ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा की चौथी बैठक

वरीय संवाददाता, बोकारो : बीएसएल कर्मियों को कम बोनस के विरोध व अन्य लंबित मांग को ले बीएसएल गेटपास सेक्शन के निकट सात नवंबर को प्रदर्शन होगा. इसकी तैयारी को लेकर सेक्टर टू स्थित इंटक कार्यालय में ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा की चौथी बैठक रविवार को हुई. अध्यक्षता राजेंद्र सिंह ने की. बैठक में मुख्य रूप से इंटक के वीरेंद्र नाथ चौबे व बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह व अबु नसर, सीटू के बीडी प्रसाद व आर के गोरांई, एचएमएस के राजेंद्र प्रसाद सिंह व अरुण कुमार उपस्थित थे. बैठक में प्रदर्शन की सफलता को लेकर उपस्थित यूनियन नेताओं ने रणनीति तैयार की और कहा कि ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा बोकारो ने बोकारो के मजदूरों के वाजिब मांगों के लिए संयुक्त आंदोलन करने का निर्णय लिया. सात नवंबर को प्रदर्शन के माध्यम से प्रबंधन को चेतावनी दी जायेगी कि गंभीरता से मजदूरों के मांगों पर विचार कर द्विपक्षीय वार्ता द्वारा समस्या का समाधान किया जाए, अन्यथा आने वाले दिन में मजदूर कभी भी किसी समय हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे.

वार्षिक बोनस भुगतान के समय हर वर्ष पैंतराबाजी

बैठक में यूनियन नेताओं ने कहा कि वार्षिक बोनस भुगतान के समय हर वर्ष प्रबंधन कुछ न कुछ नया पैंतराबाजी शुरू कर देता है. इसका मकसद रहा है कि कैसे भी कम-से-कम बोनस मजदूरों को भुगतान किया जाए. एक तरफ पीआरपी के नाम पर धन की लूट कर प्रबंधन अपने अधिकारियों के बीच बांट रही है. पांचों एनजेसीएस के घटक यूनियनों ने प्रबंधन के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है. प्रबंधन ने एकतरफा निर्णय लेकर 23000 रुपया मजदूरों के बैंक खाते में डालकर मजदूरों को चुनौती दी है.

39 माह का एरियर प्रबंध नहीं देना चाहता है, कर्मियों में आक्रोश

बैठक में बोनस 40500 रुपया से ज्यादा, 39 महीना के बकाया वेज रिवीजन का एरियर, पर्क्स का एरियर, नाइट शिफ्ट भत्ता, मकान भाड़ा भत्ता आदि में बढ़ोतरी, ठेका मजदूरों का वेज रिवीजन के साथ-साथ जॉब सिक्योरिटी व अन्य सुविधाओं, ग्रेच्यूटी राशि का भुगतान पर सीलिंग आदेश की वापसी, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर स्थानांतरित मजदूरों को वापस, हाउस रेंट पर 50% इनकम टैक्स रिबेट बीएसएल सहित सेल के सभी कर्मचारियों के लिए की मांग की गयी. नेताओं ने कहा कि 39 माह का एरियर प्रबंध नहीं देना चाहता है. नाइट शिफ्ट एलाउंस, मकान भाड़ा भत्ता आदि भी रोक कर बैठा है. इसको लेकर बीएसएल सहित सेल मजदूरों में जबरदस्त आक्रोश है.

ठेका मजदूरों की मजदूरी-सुविधा बढ़ाने को प्रबंधन तैयार नहीं

नेताओं ने कहा कि ठेका मजदूर, जिनकी संख्या सभी स्टील प्लांट में 70% से अधिक है. जो प्लांट के उत्पादन उत्पादकता व लाभ अर्जन में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनकी मजदूरी-सुविधा बढ़ाने को प्रबंधन तैयार नहीं है.

चौथी बैठक में अनुपस्थित रही तीन बैठक में उपस्थित बीएमएस

ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा की चौथी बैठक में बीएमएस शामिल नहीं हुई. इसके पहले तीन बैठकों में बीएमएस उपस्थित रही. इस बारे में पूछे जाने पर मोर्चा के नेताओं ने सिर्फ इतना कहा कि बैठक में बीएसएम के नेता शामिल नहीं हुए. उधर, बीएमएस से संबद्ध यूनियन बोकारो स्टील राष्ट्रीय मजदूर संघ के महामंत्री विनोद कुमार ने कहा : मैंने प्रस्ताव दिया था कि केंद्रीय स्तर पर मोर्चा बने, ताकि सेल की सभी इकाईयों में आंदोलन एक साथ हो. स्थानीय स्तर पर मोर्चा में कब कौन क्या करेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसलिए रविवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुआ. मोर्चा में बीएमएस नहीं है. जहां तक मजदूरों के कम बोनस व अन्य लंबित मांगों का सवाल है : बीएमएस मजदूरों के साथ है.

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