मांगो को लेकर बोकारो विस्थापित रैयत संघ ने दिया धरना

डीपीएलआर कार्यालय के समक्ष संघ के पदाधिकारियों ने दिया धरना, विशेष भूअर्जन के खिलाफ मनमानी का आरोप

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2024 12:10 AM

बोकारो. बोकारो विस्थापित रैयत संघ की ओर से गुरुवार को डीपीएलआर कार्यालय के सामने डीपीएलआर एवं विशेष भूअर्जन के मनमानी के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया गया. वक्ताओं ने कहा कि जैनामोड़ निवासी अरुण महतो की ओर से गलत तरीके से डीपीएलआर कार्यालय को जमीन आवंटन व एनएच 320 में मुआवजा भुगतान लेने के संबंध में जांच के लिए आवेदन दिया था. आवेदन के बाद डीपीएलआर कार्यालय की ओर से विस्थापितों को नोटिस कर मानसिक तौर से परेशान किया जा रहा है, जो कि गलत है. वहीं, विस्थापितों ने पुनर्वास क्षेत्रों में वर्षो से निवास कर रहे विस्थापितों का पर्चा निर्गत, अंचल कार्यालय से लगान रसीद, पुनर्वास क्षेत्रों में मुलभूत सुविधा, राज्य सरकार की योजना अबुआ आवास निर्माण के लिए बिना शर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करना, 75 प्रतिशत स्थानीय विस्थापितों को बीएसएल में नियोजन देना, मेडिकल के नाम पर विस्थापित ठेका मजदूरों की छंटनी बंद करना, कनारी मौजा के 706 एकड़ जमीन का वर्तमान बाजार दर से मुआवजा भुगतान करने आदि की मांग की. विस्थापितों ने कहा कि मांगों पर उचित पहल नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन करेंगे. धरना में अर्जुन राम महतो, सरजू कुमार महतो, सुखदेव रविदास, आनंद महतो, दिनेश सिंह, उत्तम मिश्रा, अलतू सिंह, भोला महतो, प्रदीप महतो, अंबुज महतो, पारसनाथ महतो, सुदर्शन रजवार, बैजनाथ रजवार, सुरेश महतो, अशोक महतो, छुटूलाल रजवार, लालचंद महतो आदि शामिल थे.

जारी रहेगा आंदोलन : अरुण महतो

जैनामोड़. जैनामोड़ स्थित विस्थापित नौजवान संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष अरुण कुमार महतो ने कहा कि भू-अर्जन कार्यालय में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा. उक्त बातें उन्होंने जैनामोड़ स्थित कार्यालय में गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि 21 जून को डीपीएलआर कार्यालय और इनके अधीन विशेष भू-अर्जन कार्यालय में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच संबंधित सात सूत्री मांगों को लेकर कार्यालय के समक्ष श्रद्धांजलि सभा के साथ दरिद्र भोज कार्यक्रम आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि डीपीएलआर निर्देशक व विशेष भू अर्जन पदाधिकारी हमारी सात सूत्री मांगों की जांच ना करने के बजाय खुद को और अपने पदाधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने के लिये गुरुवार को कुछ भू माफियाओं और दलालों को संरक्षण देकर मुझ पर झूठा आरोप लगाते हुए मेरे ही खिलाफ धरना के माध्यम से आंदोलन करवाया गया. मुझे अप्रत्यक्ष रूप से जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.अगर मुझे किसी भी प्रकार की क्षति व कुछ घटना घटती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी डीपीएलआर व विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी सहित जिला प्रशासन की होगी. उन्होंने जिला उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि डीपीएलआर व भू-अर्जन कार्यालय में हुए व्यापक भ्रष्टाचार की जांच उच्च स्तरीय पदाधिकारियों से कराया जाए.

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