भगवान जगन्नाथ के जयकारे से गूंज उठा बोकारो, बहुरा यात्रा के साथ मौसीबाड़ी से लौटे प्रभु, भक्तों ने खींचा रथ

सोमवार को बोकारो में बहुरा यात्रा के साथ प्रभु जगन्नाथ अपनी मौसी के घर से वापस घर आ गए. भक्तों ने प्रभु के रथ को खींचा और जय जगन्नाथ के नारे लगाये.

By Kunal Kishore | July 15, 2024 9:21 PM

बोकारो : जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ…कृपा करो हे जगन्नाथ…जैसे-जैसे रथ आगे बढ़े, दुनिया का भय व दरिद्र घटे…ऐसे ही उत्साहित भक्ति पंक्तियों के साथ भक्तों ने प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का रथ खींचा. सोमवार को बहुरा यात्रा के साथ प्रभु जगन्नाथ मौसीबाड़ी (श्रीराम मंदिर-01) से वापस घर (जगन्नाथ मंदिर-04) पहुंचे. श्रीराम मंदिर सेक्टर-01 में छेरा पहरा की रस्म बीएसएल के इडी (पीएंडए) राजन प्रसाद ने निभायी. रस्म अदायगी के बाद वापसी रथयात्रा शुरू हुई. प्रभु जगन्नाथ के जयकारे से बोकारो गूंज उठा. हर जयकारे के साथ श्रद्धालु का उत्साह व श्रद्धा देखते ही बन रहा था.

भगवान से सुखमय जीवन की कामना

मौसीबाड़ी में नौ दिनों तक भाई-बहनों के साथ रहने के बाद सोमवार को भगवान जगन्नाथ की राम मंदिर से बहुरा यात्रा शुरू हुई. श्रद्धालुओं ने सेक्टर-एक स्थित राम मंदिर से भगवान जगन्नाथ के रथ खींचा और उन्हें सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचाया. जहां बाहर बने पंडाल में पुजारियों व श्रद्धालुओं ने उनकी आरती व भजन-कीर्तन किया. भगवान जगन्नाथ से सुखमय जीवन की कामना की. सात जुलाई को रथयात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण करते हुए मौसीबाड़ी श्रीराम मंदिर पहुंचे थे. यहां भगवान नौ दिनों तक रहे. रथ यात्रा की वापसी सोमवार को हुई. वापसी रथयात्रा 1.30 बजे शुरू हुई.

19 जुलाई तक रथ पर हीं भक्तों को देंगे दर्शन

भगवान जगन्नाथ 19 जुलाई तक जगन्नाथ मंदिर के बाहर रथ पर ही भक्तों को दर्शन देंगे. 19 जुलाई को रात्रि 8.30 बजे भगवान जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे. भगवान जगन्नाथ बहुरा यात्रा को लेकर सुबह से ही राम मंदिर में भजन-कीर्तन चलता रहा. श्रीराम मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य पंडित शिवकुमार शास्त्री ने कहा कि जब भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी से लौटते हैं, तो भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं. भक्त भी भगवान के दरबार में पहुंचकर आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. पूजा-भजन कर अपने तमाम दु:खों, ग्रह पीड़ाओं के निराकरण के लिए प्रार्थना करते हैं. भगवान भक्तों के हर दुख को दूर कर देते हैं.

करताल व मृदंग बजाकर भक्तों ने प्रभु की स्तुति

जगन्नाथ मंदिर में पंडितों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान जगन्नाथ के 10 अवतारों की स्तुति की. एक-एक अवतार का वर्णन करते हुए पंडितों के साथ-साथ भक्तों ने करताल व मृदंग बजाकर भगवान की स्तुति की. पंडितों के अनुसार, भगवान के रूपों का वर्णन करने से पाप कटते हैं. मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. भगवान भक्तों पर प्रसन्न होकर उन्हें आठ प्रकार की सिद्धियां प्रदान करते हैं. सेक्टर-एक राम मंदिर से बहुरा यात्रा शुरू हुई, जो पत्थरकट्टा चौक, गांधी चौक, बीजीएच अस्पताल, आंबेडकर चौक होते हुए जगन्नाथ मंदिर-04 पहुंची. यहां संध्या में भजन-कीर्तन हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा.

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