बोकारो में उत्पाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जब्त किए 750 पेटी अवैध विदेशी शराब, मास्टर माइंड फरार
बोकारो में एक बार फिर से अवैध विदेशी शराब के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. उत्पाद विभाग को मिली गुप्त सूचना के आधार पर बालीडीह बियाडा क्षेत्र के बंद पड़े क्रेसर में छापेमारी कर भारी मात्रा में हिमाचल प्रदेश का लेबल लगा प्लास्टिल बोतल में भरा 750 पेटी अवैध विदेशी शराब सहित अन्य सामान जब्त किया है.
Bokaro News: बोकारो में एक बार फिर से अवैध विदेशी शराब के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. उत्पाद विभाग को मिली गुप्त सूचना के आधार पर देर रात बालीडीह बियाडा क्षेत्र के बंद पड़े क्रेसर में छापेमारी कर भारी मात्रा में हिमाचल प्रदेश का लेबल लगा प्लास्टिल बोतल में भरा 750 पेटी अवैध विदेशी शराब, 12 गैलन में रखा लगभग 500 लीटर स्प्रिट, शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला कैरेमल , 10,000 रैपर और ढक्कन एवं खाली बोतल बरामद किया गया है. इस मामले में क्रेशर मालिक को गिरफ्तार करते हुए एक स्कॉर्पियो को जप्त किया गया है. जबकि इस धंधे का मास्टरमाइंड रंजीत सिंह पकड़ से बाहर है.
बिहार-झारखंड में बेचने की थी तैयारी
उत्पाद विभाग की टीम ने मौके से क्रेशर मालिक संतोष सिंह को गिरफ्तार करते हुए एक ही स्कॉर्पियो को भी जप्त किया है. गिरफ्तार संतोष सिंह ने पूछताछ में उत्पाद विभाग की टीम को बताया है कि इस अवैध विदेशी शराब का कारोबार रंजय सिंह करता है, जो पेटी में रखे अवैध विदेशी शराब को बिहार समय झारखंड के अन्य जिलों में भेजे जाने की तैयारी में था. सहायक उत्पाद आयुक्त अरविंद कुजूर ने बताया कि कल दिन में ही गुप्त सूचना मिली थी. इसी आधार पर जांच पड़ताल करने के बाद रात में 11 उत्पाद विभाग की टीम और स्थानीय थाना प्रभारी के साथ बंद पड़े क्रेशर में छापेमारी की गई.
बोतल में हिमाचल प्रदेश का लेबल
बंद पड़े क्रेशर के दो कमरे में रखा गया अवैध विदेशी शराब शराब बनाने का केमिकल स्क्रीन रेफर ढक्कन बरामद किया गया उन्होंने बताया कि हिमाचल ब्रांड वाली जप्त प्लास्टिक बोतल में भरे शराब को बिहार में और स्प्रिट से बनाया जाने वाला अवैध शराब बोकारो जिले में खपाने की तैयारी थी. उन्होंने बताया कि इस स्प्रिट और केमिकल से तैयार किया जाने वाला शराब बोकारो में सबसे अधिक बिकने वाले ब्रांडो के बोतल में भरकर खपाने की तैयारी की जा रही थी. उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा में अवैध शराब के कारोबार में अवैध कमाई करने के उद्देश्य से इस तरह का स्टॉक किया गया था.