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Paddy Procurement: झारखंड में धान बिक्री के लिए कब तक इंतजार करें किसान! प्रशासन नहीं कर रहा पहल

इस साल मानसून जरा धीमा रहा, जिससे बोकारो जिला में धान उत्पादन प्रभावित भी हुआ. किसानों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना की शुरुआत की गयी. विपरीत परिस्थिति में भी किसानों ने जैसे-तैसे खेती की.

Paddy Procurement in Jharkhand|इस साल मानसून जरा धीमा रहा, जिससे बोकारो जिला में धान उत्पादन प्रभावित भी हुआ. किसानों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना की शुरुआत की गयी. विपरीत परिस्थिति में भी किसानों ने जैसे-तैसे खेती की. वर्तमान दौर में फसल कटाई व धान को खेत से खलिहान तक पहुंचाने का काम चल रहा है. अब किसान जल्द से जल्द धान को बेचकर मुनाफा कमाने की चाहत में हैं, लेकिन इस दिशा में बोकारो जिला में कोई प्रशासनिक पहल होती नहीं दिख रही है. हालांकि, छह दिसंबर को ही कैबिनेट की बैठक में धान खरीद संबंध में सरकार ने फैसला लिया था.

इस वर्ष किसानों को मिलेगी पिछले साल के मुकाबले अधिक राशि

किसानों को प्रति क्विंटल अधिक राशि का भुगतान जिला प्रशासन की ओर से किया जायेगा. कारण यह कि राज्य सरकार ने इस साल धान के लिए एमएसपी का निर्धारण पिछले साल के मुकाबले में बढ़ाया है. पिछले साल किसानों से 2050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की गयी थी, इस बार उन्हें 117 रुपये प्रति क्विंटल अधिक की राशि मिलेगी. यानी किसान को प्रति क्विंटल धान की खरीदारी के लिए 2167 रुपये सरकार की ओर दिया जायेगा. आमतौर पर मध्य दिसंबर तक धान की खरीदारी शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल प्रशासनिक तैयारी इस दिशा में होते नहीं दिख रहा है.

पिछले साल लक्ष्य से 80 प्रतिशत दूर था विभाग

धान खरीदारी के मामले में बोकारो का रिकॉर्ड पिछले साल (2022-23) अच्छा नहीं था. विभाग ने दो लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन बोकारो जिला में मात्र 40939.57 क्विंटल धान की ही खरीदारी विभाग कर पाया था. विभाग की ओर से 5519 रजिस्टर्ड किसान में से सिर्फ 945 किसानों ने ही सरकारी स्तर पर धान बेचा. शेष सभी प्राइवेट स्तर पर धान की बिक्री किया था. हालांकि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक करने की दिशा में कई स्तर से पहल की गयी थी, लेकिन सही समय पर धान बिक्री के बाद राशि भुगतान में देरी व अन्य कारणों से किसान ने प्राइवेट हाथों ही धान बेचा.

इस साल भी लक्ष्य के करीब पहुंचना होगा मुश्किल

वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभाग धान खरीदारी के मामले में लक्ष्य से काफी पीछे रहा था. इस साल भी लक्ष्य के अनुरूप खरीदारी का अनुमान कम ही है. कारण यह कि इस साल मानसून में कम बारिश हुई थी. असर खेती पर हुआ. सरकार की ओर से सुखाड़ की घोषणा हुई. मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत जिला में 43375 किसानों ने आवेदन दिया है. यानी 43375 किसान की खेती मौसम की बेरुखी के कारण प्रभावित हुआ है.

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