कसमार, कसमार प्रखंड के ओरमो में गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी कोंका कमार करमाली की 163वीं जयंती मनायी गयी. इस दौरान अतिथियों व समिति के सदस्यों ने दिवगंत करमाली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोधनराम करमाली ने कहा कि स्व करमाली ने बिरसा मुंडा के उलगुलान के समय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी. उनके बनाये अस्त्र-शस्त्र से आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता की लड़ाई में काफी मदद मिली थी. इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. किरानी करमाली व राजेश करमाली ने कहा कि स्वर्गीय करमाली की शौर्यगाथा 160 साल तक दबी हुई थी. स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण था, पर इतिहासकारों की उपेक्षा के कारण वह लंबे समय तक गुमनाम होकर रह गए. लेकिन यह खुशी की बात है कि कोंका कमार करमाली को अब पूरा राज्य जानने लगा है और जगह-जगह उनकी प्रतिमा लग रही है. समिति के सदस्यों ने कहा कि इस बार चुनाव के कारण भव्य आयोजन नहीं हो पाया, लेकिन अगले बार से स्वर्गीय करमाली की पुण्यतिथि के अवसर पर पुनः बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा एवं मेला भी लगेगा. मौके पर बुधन करमाली, ओमप्रकाश करमाली, सत्येंद्र लोहरा आदि मौजूद थे.
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