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Bokaro News: उच्च शिक्षा के नाम पर आज भी ठगा महसूस कर रहा बोकारो

Bokaro News: अहर्ता पूरी करने के बाद भी प्रस्तावित ब्रिम्बस मेडिकल कॉलेज मान्यता के इंतजार में, उच्च शिक्षा हासिल करने हर साल पांच हजार विद्यार्थी जाते हैं बाहर

रंजीत कुमार, बोकारो, बोकारो जिला में उच्च शिक्षा के नाम पर कुछ नहीं हो पाया. बार-बार उच्च शिक्षा के नाम पर मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने और तीनों सरकारी कॉलेजों में सभी विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के आश्वासन से बोकारो ठगा महसूस कर रहा है. हर साल कुछ नया करने की घोषणा की जाती है. इसके बाद पूरा साल आश्वासन व इंतजार के बीच गुजर जाता है. चुनाव आते ही वायदों की झड़ी लग जाती है. चुनाव समाप्त होते ही शिक्षा के क्षेत्र में किये गये सभी वायदे गायब हो जाते है. विद्यार्थियों को ही आंदोलन कर याद दिलाना पड़ता है कि बोकारो को उच्च शिक्षा के नाम पर चिल्लाना पड़ रहा है.

बोकारो के कॉलेज विनोबा भावे विश्व विद्यालय से 23 मार्च 2017 को अलग हुए. सात साल का सफर गुजर गया. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्व विद्यालय (बीबीएमकेयू) से उच्च शिक्षा के नाम पर बोकारो जिले के कॉलेजों को सात साल में कुछ भी नया हासिल नहीं हुआ. विभावि हजारीबाग की देन स्नातकोत्तर (गणित व इतिहास) को भी बीबीएमकेयू ने बंद करा दिया. अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को धनबाद, हजारीबाग, रांची सहित नगरों की ओर चक्कर लगाना पड़ रहा है.

इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज आज भी सपना

बोकारो में मेडिकल कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने की बातें हर साल होती है. सेक्टर 12 क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया. आज भी मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज का सपना लिये विद्यार्थियों का दल, दूसरे प्रदेशों में लगातार पलायन कर रहे है. शिक्षाविदों के अनुसार हर साल पांच हजार से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा की चाहत लिये दूसरे राज्य ही नहीं दूसरे देशो में चले जा रहे है. इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम पर जीजीएसइएस कमेटी द्वारा कांड्रा में निजी स्तर पर बना है. मेडिकल कॉलेज की सभी अहर्ता पूरी करने के बाद भी वर्ष 2000 से सेक्टर छह में प्रस्तावित ब्रिम्बस (बिरसा रिसर्च इंस्टीच्यूट फॉर मेडिकल एंड बायोमेडिकल स्टडीज) मेडिकल कॉलेज को 24 वर्ष बाद भी मान्यता नहीं मिली. प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की है. केंद्रीय कोयला मंत्री रहते झामुमो सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन शुरू नहीं करा पाये.

घोषणाएं रह गयीं अधूरी

बीबीएमकेयू के अस्तित्व में आते ही उच्च शिक्षा के मामले में घोषणाएं ताबड़तोड़ हो गयी. अब तक के सभी कुलपति जब भी बोकारो आये. बोकारो कॉलेज, चास कॉलेज व केबी कॉलेज बेरमो में विदेशी भाषा, संस्कृत व ज्योतिष सहित अन्य विषयों की अलग से पढ़ाई कराने की घोषणा कर दी. आज तक कुछ नहीं हुआ. कुछ कॉलेजों में नये सामान छोड़ कर मानव संसाधन तक नहीं बढाये गये. सालों भर विद्यार्थी अधिकार के लिए आंदोलन करते रहते है. इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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