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BOKARO NEWS : बोकारो विस : आठ बूथों पर डबल डिजिट तक नहीं पहुंच सकी भारतीय जनता पार्टी

BOKARO NEWS : मेरा बूथ सबसे मजबूत का नारा फेल कर गयी पार्टी, अपने कैडर को भी संभाल कर नहीं रख पायी भाजपा

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 11:20 PM
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सीपी सिंह, बोकारो, भाजपा को कैडर आधारित पार्टी कहा जाता है. कार्यकर्ताओं के दम पर भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक दल होने का दावा भी करती है. लेकिन, बोकारो विधानसभा चुनाव में पार्टी अपने कथित कैडर को भी बचाकर रख नहीं पायी. बोकारो विधानसभा में आठ ऐसे बूथ हैं, जहां भाजपा को दहाई अंक का वोट भी नसीब नहीं हुआ. जबकि, संगठन के हिसाब से हर बूथ पर भाजपा के दहाई अंक के कार्यकर्ताओं की टोली होती है. साफ है कि मेरा बूथ सबसे मजबूत का नारा लगाने वाली भाजपा के कार्यकर्ता खुद पार्टी को वोट नहीं दिये. बोकारो विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को बूथ संख्या 379 में आठ वोट, बूथ संख्या 380 में सात, बूथ 381 में नौ, बूथ 382 में छह, बूथ 384 में चार, बूथ 385 में सात, बूथ 386 में आठ, बूथ 387 में छह वोट मिला. इसके अलावा बूथ संख्या 370 में 10, बूथ 371 में 14, बूथ 372 में 10, बूथ संख्या 373 में 14 वोट मिले. जबकि भाजपा का बूथ स्तर पर 31 सदस्यीय टीम होती है. टीम में पन्ना प्रमुख से लेकर पदाधिकारी व सदस्य शामिल होते हैं. जानकारों की माने तो ये सभी बूथ अल्पसंख्यक समुदाय का है. बावजूद इसके भाजपा अल्पसंख्यकों के बीच मजबूती के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा बना कर रखा है. मोर्चा की भी भारी-भरकम टीम है.

सांसद के ससुराल में भी मिली कांग्रेस को बढ़त

बोकारो विधानसभा क्षेत्र धनबाद लोकसभा में आता है. धनबाद के सांसद भाजपा कोटा से ही हैं. लेकिन, धनबाद सांसद ढुलू महतो का ससुराल बोकारो विस क्षेत्र के चौफांद बस्ती में है. यहां से भाजपा पिछड़ गयी. बूथ संख्या 61 पर भाजपा को मात्र 99 वोट, जबकि कांग्रेस को 463 वोट मिले. वहीं बूथ संख्या 62 में भाजपा को 199 वोट व भाजपा को 266 वोट मिले. हालांकि सिर्फ सांसद के ससुराल ही नहीं, बल्कि कई वरीय नेता जो टिकट के दावेदार थे, उनके बूथ पर भी भाजपा का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा. चास क्षेत्र में भाजपा के कई पूर्व नेताओं ने पार्टी विरोध में काम किया.

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