बोकारो, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ की ओर से 19 अक्तूबर को प्रस्तावित हड़ताल के नोटिस के बाद बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) प्रबंधन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिया है. मंगलवार को प्रबंधन ने एक सर्कुलर जारी करते हुए 19 अक्तूबर की सभी छुट्टियों को रद्द करने और ‘नो वर्क, नो पे’ नीति लागू करने का आदेश दिया है. बीएसएल प्रबंधन ने हड़ताल को संयंत्र की सुरक्षा व उत्पादकता के लिए बड़ा खतरा बताया है. स्पष्ट कर दिया है कि हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. यहां उल्लेखनीय है कि बोकारो स्टील प्लांट एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है, जिसमें थर्मो-संवेदनशील इकाइयां हैं. प्रबंधन ने इस बात की चेतावनी दी है कि हड़ताल या उत्पादन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रुकावट से ना केवल कर्मचारियों और मशीनों के लिए खतरा पैदा होगा, बल्कि उत्पादन और उत्पादकता पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. साथ ही, औद्योगिक शांति और सौहार्द भी प्रभावित होगा. इस्पात उद्योग को सरकार ने सार्वजनिक उपयोगिता सेवा के रूप में घोषित किया है और वर्तमान में समझौता प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में हड़ताल करना औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत अवैध होगा.
कर्मचारियों को 2024-25 के वार्षिक भुगतान से वंचित किया जा सकता है
बीएसएल के प्रबंधन ने साफ तौर पर कहा है कि हड़ताल या काम में किसी भी अवैध रुकावट का हिस्सा बनने वाले कर्मचारियों को 2024-25 के वार्षिक भुगतान से वंचित किया जा सकता है. प्रबंधन ने इस्पात प्राधिकरण के एएसपीएलआइएस योजना के तहत सभी नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों (जिसमें प्रशिक्षु भी शामिल हैं) को भुगतान करने का निर्णय लिया है, जो एक अप्रैल 2024 से बीएसएल के कर्मचारी रहे हैं. उत्पादन में निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रबंधन ने 19 से 20 अक्तूबर के दौरान किसी भी कर्मचारी को अवकाश न देने का फैसला किया है.स्वीकृत अवकाश रद्द, अनुपस्थित कर्मी को हड़ताल में शामिल माना जायेगा
बीएसएल की ओर से मंगलवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 19 अक्तूबर के लिये पहले से स्वीकृत अवकाश रद्द माने जायेंगे, हालांकि आपात स्थितियों में मुख्य महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों की मंजूरी से अवकाश की अनुमति दी जा सकती है. इस दौरान काम से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल माना जायेगा, जिससे उन्हें ‘नो वर्क, नो पे’ सिद्धांत के तहत वेतन और प्रोत्साहन में कटौती का सामना करना पड़ेगा. साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इसलिये कर्मियों को किसी भी प्रकार के हड़ताल, धरना, प्रदर्शन/जुलूस से बचना चाहिए.बीएसएल ने जारी किया सर्कुलर
प्रिय सहकर्मियों, एक श्रमिक संगठन ने विभिन्न मांगों के समर्थन में 19 (सुबह 6.00 बजे से) से 20 अक्तूबर 2024 (सुबह 6.00 बजे तक) को 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है. आप सभी कर्मचारी और श्रमिक संगठन इस तथ्य से भली-भांति अवगत है कि आज के वातावरण में हमारी कंपनी प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों का सामना करने व ग्राहक संतुष्टी द्वारा अपने व्यावसायिक आधार को सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्प है. इस दिशा में हमने बहुत सारे सार्थक कदम उठाये है. साथ हीं साथ कंपनी ने अपने कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों व पूर्व कर्मचारियों के हित व कल्याण के लिये अनेक कदम उठाये हैं. इस चरण में हड़ताल से प्लांट की प्रगति निश्चित रूप से प्रभावित होगी. हड़ताल के बाद उत्पादन गति को पुनः प्राप्त करने में बहुमूल्य समय नष्ट होगा. हड़ताल के कारण उपकरणों व प्रकिया में होने वाली क्षति की भरपाई करना अत्यन्त मुश्किल होगा. कंपनी को आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ ही साथ प्रोत्साहन, पुरस्कार आदि के रूप में हड़ताली कर्मचारियों को आर्थिक क्षति पहुंचेगी. प्लांट में औद्योगिक संबंध शांतिपूर्ण व मधुर रहने की परंपरा रही है. यह सब आपसी समझ-बूझ, सहयोग, समर्पण व औद्योगिक संबंध प्रबंधन में सार्थक द्विपक्षीय भूमिका के फलस्वरूप ही संभव हुआ है. 2024-25 के लिए सेल के सभी स्थायी अनाधिशासी कर्मचारियों व अनाधिशासी प्रशिक्षुओं को जो एक अप्रैल 2024 से बोनस के आदेश जारी होने की तिथि को कंपनी में कार्यरत है, को कमशः 26,500 रुपये व 21,200 रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इस आदेश के अनुसार किसी अनिधिकृत कार्यबाधा / गैर कानूनी हड़ताल आदि में अनाधिशासी कर्मचारी द्वारा भाग लिए जाने के कारण कंपनी के उत्पादन व उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ने की स्थित में संबंधित अनाधिशासी कर्मचारी बोनस के अंतर्गत मिलने वाली वार्षिक राशि के लिए अयोग्य होंगें. कोरोना काल की विषम परिस्थितियों अथवा वित्तीय घाटे के कई वर्षों में भी कंपनी ने वेतन व अन्य सुविधाएं जारी रखी है. कंपनी ने वित्तीय स्थिति ठीक नहीं रहने पर भी अपने कर्मचारियों का ख्याल रखा है और वेतन, भत्ते आदि में कटौती नहीं की है. ऐसी परिस्थिति में प्रत्येक कर्मचारी से अपील है कि वे इस हड़ताल में भाग न लें और उत्पादन की गति को बनाये रखें. श्रमिक संगठनों से भी सामान्य स्थिति कायम रखकर प्लांट के सुचारू रूप से परिचालन में सहयोग देने की अपील है. सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) धनबाद को श्रमिक संगठनों से वार्ता कर हड़ताल नहीं करने का परामर्श देने के लिये अनुरोध भी किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है