Bokaro news : 10 मिलियन होगी गुआ अयस्क खदान की क्षमता, टासरा से हाेगा चार मिलियन टन कोयले का उत्पादन : बीके तिवारी
Bokaro news : प्रभात खबर से बीएसएल के निदेशक प्रभारी बीके तिवारी ने की खास बातचीत, कहा : बीएसएल के उत्कृष्ट प्रदर्शन में वित्तीय वर्ष में झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस ने अहम भूमिका निभाई, 6,000 करोड़ से खदान का किया जायेगा विस्तार, टासरा में 20,000 करोड़ रुपये होंगे खर्च
बोकारो, गुआ अयस्क खदान की उत्पादन क्षमता चार मिलियन टन से बढ़ कर 10 मिलियन टन होगी. 6,000 करोड़ रुपये से खदान का विस्तार किया जायेगा. टासरा कोयला खदान से चार मिलियन टन कोयले का उत्पादन होगा. इसमें 20,000 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. बोकारो स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे प्लांट की उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन बढ़ जायेगी. रोजी-रोजगार बढ़ेगा. स्थानीय उद्योग को लाभ होगा. उम्मीद है कि नवंबर 2024 तक बोर्ड से अप्रूवल मिल जायेगा. इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. 2025 से काम धरातल पर दिखने लगेगा. ये बातें बीएसएल निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी ने ‘प्रभात खबर’ से विशेष बातचीत में कही. श्री तिवारी ने बताया कि झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में बीएसएल के उत्कृष्ट प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई है. गुआ अयस्क खदानों (जीओएम) ने 32,84,890 टन फाइन्स का अब तक का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन दर्ज किया, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 से 8.6 प्रतिशत अधिक है. जीओएम में कुल उत्पादन 41,59,858 टन रहा, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 से 5.0 प्रतिशत अधिक है. झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस का एसएपी में इंटीग्रेशन कार्य प्रगति में है. इसके तहत एसएपी के प्रमुख मॉड्यूल कार्यान्वित हो गये हैं, जबकि शेष मॉड्यूल का कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा. कोलियरीज डिविजन ने 2023-24 के दौरान निष्पादन में उल्लेखनीय बेहतरी लायी है. इसको लेकर टीम बोकारो स्टील काफी उत्साहित है.
इस्पात उद्योग के लिए 120 एमटी कोकिंग कोल होगा उपलब्ध
श्री तिवारी ने बताया कि कोल इंडिया से सेल को वाश्ड कोकिंग कोल की आपूर्ति पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 1.96 एमटी रही. बॉयलर कोल की आपूर्ति भी 2022-23 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 4.1 एमटी रही. गत वर्ष रामनगर और कल्याणेश्वरी कोयला ब्लॉक के संयुक्त अन्वेषण/दोहन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हुई, जिससे इस्पात उद्योग के लिए लगभग 120 एमटी कोकिंग कोल उपलब्ध हो सकेगा. 2023-24 में चासनाला व जीतपुर खदानों के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त होना व तसरा कोयला खदान के लिए एमडीओ की नियुक्ति भी अहम उपलब्धियां रही.चासनाला कोलियरी भूमिगत खदान से 69 प्रतिशत अधिक उत्पादन
2023-24 के दौरान चासनाला कोलियरी की ऊपरी सीम भूमिगत खदान से उत्पादन लगभग 1.03 एलटी रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 69 प्रतिशत अधिक है, जबकि टासरा कोयला खदान से उत्पादन लगभग 3.22 एलटी रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत अधिक है. तसरा ओसीपी के विकास के लिए आवश्यक एफसीआइएल की 304 एकड़ भूमि में से 60 एकड़ भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देने के लिए एफसीआइएल और सेल के बीच लीज डीड निष्पादित कर ली गयी है. इसके अलावा, एफसीआइएल बोर्ड ने टासरा वाशरी के लिए 61 एकड़ अतिरिक्त भूमि को पट्टे पर देने के लिए भी सहमति दे दी है. कोलियरीज डिविज़न में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में भी ठोस कदम उठाये जा रहे हैं.गुणवत्ता युक्त रिफ्रैक्ट्री के लिए एसआरयू का आधुनिकीकरण
एसआरयू समूह ने वित्त वर्ष 2023-24 में बेहतरीन प्रदर्शन कर कई ट्रेंड-सेटिंग बेंचमार्क स्थापित किये हैं. एसआरयू समूह द्वारा पहली बार आरएसपी के एसएमएस-1 के लिए कन्वर्टर ब्रिक्स की डिज़ाइनिंग, बीएसएल में हॉट स्ट्रिप मिल के आरएचएफ डोर के लिए मुलाइट कास्टेबल का सफल विकास और आपूर्ति, आईएसपी कन्वर्टर्स के लिए बॉटम पर्जिंग एलिमेंट का इन-हाउस निर्माण किया, जिसने 1,000 से अधिक हीट्स का लाइफ हासिल किया. बीएसपी एसएमएस-2 में कन्वर्टर लाइनिंग ने 7,123 हीट्स के उच्चतम लाइफ को प्राप्त किया. एसआरयू समूह के इन उपलब्धियों और प्रयासों से बीएसएल सहित सेल संयंत्रों के परिचालन दक्षता में भी अभिवृद्धि होगी. एसआरयू इकाइयों का आधुनिकीकरण भी हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है