बोकारो. राष्ट्रीय घरेलू कामगार वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से बुधवार को सेक्टर चार स्थित बुद्ध बिहार में अंतरराष्ट्रीय मर्यादापूर्ण कार्य दिवस मनाया गया. इस दौरान घरेलू कामगारों ने अपने-अपने मुद्दों पर घरेलू कामगारों के लिए अलग से राज्य स्तरीय कानून बनाने की मांग की गयी. वहीं, संगठन की राज्य संयोजक सिस्टर अंशु लकड़ा ने प्रेस वार्ता कर कहा कि कामगारों के लिए रोजगार का निर्माण, सम्मानजनक मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. घरेलू कामगारों को अन्य सभी कामगारों की तरह अधिकार मिलना चाहिए. शहरी क्षेत्र में असंगठित कामगारों में घरेलू काम महिलाओं के लिए सबसे बड़ा रोजगार है. कहा कि घरेलू कामगार अधिकतर पिछड़े समुदाय, एससी-एसटी जनजाति के प्रवासी मजदूर होते हैं. कठिन श्रम के बाद भी इनकी स्थिति अच्छी नहीं है. काफी कम मेहनताना, न्यूनतम मजदूरी, छुआछूत, शारीरिक शोषण, यौन उत्पीड़न, कार्यवधि में अनियमितता, छुट्टी और अवकाश नहीं मिलना, मातृत्व लाभ में अगला वेतनयुक्त छुट्टी, भूतपूर्व कामगारों के लिए पेंशन, मुक्त गुणात्मक चिकित्सा की सुविधा बहाल नहीं है. मौके पर आशा तिर्की, सुनिता कुमारी, आरती उरांव, मुंदरी देवी, रश्मि टोप्पो, सुजीत समद आदि मौजूद थे.
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