Bokaro News: अधिकारी वर्ग की तर्ज पर कर्मियों के अर्जित व चिकित्सकीय अवकाश हों लागू
Bokaro News: बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने निदेशक प्रभारी को लिखा पत्र, छुट्टियों की संख्या व गणना में भेदभाव का लगाया आरोप
बोकारो, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने बोकारो इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी को पत्र लिखकर मांग की है कि कर्मियों के अर्जित व चिकित्सकीय अवकाश को अधिकारी वर्ग की तर्ज पर लागू किया जाय. संघ ने कहा है कि कर्मियों को साल भर मेहनत व निष्ठा से अपने कार्य निष्पादन के प्रतिफल स्वरूप 22-23 सालाना अर्जित अवकाश दिया जाता है, जो कर्मचारी के खाते में वर्ष दर वर्ष जुड़ते रहता है. वर्तमान व्यवस्था में अर्जित अवकाश का सेवानिवृत्ति के बाद नकदीकरण व हाफ पे लीव (एचपीएल) जमा रखने की व्यवस्था में अधिकारियों व कर्मियों के बीच भारी भेदभाव जारी है. यह छुट्टियों की संख्या तक सीमित न होकर उसके नकदीकरण व्यवस्था तक में व्याप्त है. कर्मियों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इससे आक्रोश है. कर्मियों ने अधिकारियों की तर्ज पर अर्जित व चिकित्सकीय अवकाश की मांग की है.
एक कर्मी अधिकतम 200 अर्जित अवकाश ही कर सकता है जमा
कर्मचारी अपने सेवाकाल में अधिकतम 200 अर्जित अवकाश ही जमा कर सकता है, जबकि अधिकारियों के लिए 300 की संख्या है. पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने आठ अक्तूबर के एक फैसले में आदेश दिया है कि प्रत्येक कर्मचारी सेवानिवृत्ति तक अपना अर्जित अवकाश जमा रख सकता है. सेवानिवृत्ति के वक्त कर्मचारी 200 इएल व 100 एचपीएल नकदीकरण करवा पाता है. कर्मियों को 100 एचपीएल के बदले 50 इएल का हीं पैसा मिलता है. इससे कर्मचारी को 50 दिन के वेतन का सीधा नुकसान होता है, जबकि अधिकारी वर्ग पूरे 300 दिन के वेतन का लाभ पाते हैं. कर्मचारी वर्ग अधिकतम 320 एचपीएल हीं जमा रख सकता है, जबकि अधिकारी वर्ग को असीमित एचपीएल जमा रखने की छूट दी जाती है. इस तरह से भेदभाव कर्मियों के साथ किया जाता है.
कर्मियों को सीधे आर्थिक क्षति
सेवाकाल के दौरान यदि बीमारी या पारिवारिक कारण से छुट्टी लेना पड़े ऐसे मामलों में इएल 200 व एचपीएल 320 से नीचे आ जाता है, जो प्रत्येक कर्मचारी के साथ नौकरी काल में अवश्य होता है. या फिर वो हाफ पे लीव लेते हैं, जिससे सीधे आर्थिक क्षति होती है. जबकि, अधिकारी के खाते में असीमित एचपीएल छुट्टी (300 से अधिक) जमा होने के कारण वो बिना आर्थिक नुकसान अवकाश ले पाते हैं.26 की जगह 30 दिन ड्यूटी के हिसाब से इएल की हो गणना
छुट्टी नकदीकरण के मामले में भी उच्च न्यायालय मद्रास के की ओर से एक रिट पेटिशन में यह निर्णय दिया गया कि कर्मचारियों का ड्यूटी डेज 26 दिन की जगह 30 दिन ड्यूटी के हिसाब से इएल की गणना की जाय. बीएकेएस पत्र के माध्यम से कर्मियों व अधिकारियों के बीच के इस असमानता को जल्द खत्म करने की मांग की है, जिससे कर्मियों को लाभ मिले.स्थापना काल से गैर कार्यपालक कर्मचारियों के लिए कोई नियम नहीं बदला गया
बोकारो इस्पात संयंत्र के स्थापना काल से गैर कार्यपालक कर्मचारियों के लिए कोई नियम नहीं बदला गया है, जबकि सेल अधिकारी वर्ग के लिए हमेशा नियमों में संशोधन कर उनको समयानुकूल लाभ दिया गया है. प्रबंधन छुट्टियों की संख्या व गणना में भेदभाव को बंद करे. एक समान व्यवस्था को लागू करे.हरिओम,
अध्यक्ष, बीएकेएसछुट्टियों की संख्या में समानता कर्मचारियों का हक
छुट्टियों की संख्या में समानता बीएसएल कर्मचारियों का हक है. केंद्र सरकार व राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को एक समान छुट्टी मिलता है. लेकिन, सेल में एक वर्ग को ही विशेष सुविधा दी जाती है. यह न्यायसंगत नहीं है. बीएसएल-सेल प्रबंधन को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिये.
दिलीप कुमार,
महासचिव, बीएकेएसडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है