बोकारो, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ओर से कैंप दो डीसी कार्यालय के समीप चल रहे दो दिवसीय धरना का समापन मंगलवार को हुआ. अध्यक्षता विमला देवी व संचालन रजिया सुल्ताना, कुमकुम व नजिमा खातून ने किया. कहा कि हम आठ सूत्री मांगों को लेकर अडिग है. हमारी मांगों पर सरकार अविलंब पहल करे. हमें हमारा हक व अधिकार प्रदान करे. कब तक सरकार जागेगी. लगातार संघर्ष के जरिये हम भी इंतजार करेंगे. पारा शिक्षकों के समान मानदेय व वेतनमान के साथ सभी सुविधाएं प्रदान की जाये. सेवानिवृत्ति के बाद सेविका को 10 लाख व सहायिका को पांच लाख एकमुश्त भुगतान किया जाये. कहा कि मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में भुगतान की स्वीकृति दी जाये. सरकार के विभाग द्वारा जारी सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना 2238 व 2239 (30 सितंबर 2022) में आंशिक संशोधन के लिए पूर्व समर्पित आवेदन पर विचार हो. मानदेय विसंगति को दूर किया जाये, विभागीय कार्य के लिए एंड्राइड मोबाइल टैब रिचार्ज सहित आपूर्ति की जाये, पोषाहार राशि बाजार दर पर मिले या पोषाहार विभाग द्वारा आपूर्ति की जाये. मौके पर अनिता देवी, सत्यवती देवी, चपला, उषा देवी, नजमा खातून, जैस्मिन, ममता सहित सभी प्रखंड की सेविका व सहायिका मौजूद थी.
वादाखिलाफी कर रही है सरकार : योगेश्वर महतो बाटुल
जैनामोड़, जरीडीह प्रखंड की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने दूसरे दिन मंगलवार को भी अपनी मांगों को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया. समर्थन में पहुंचे पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि सरकार सेविका और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए वेतनमान लागू करे. साथ ही सेवानिवृत्ति पेंशन लागू करना होगा. सरकार वादाखिलाफी कर रही है. कम मानदेय में सेविका और सहायिकाओं का शोषण हो रहा है. वहीं पूर्व जिला बीस सूत्री सदस्य लक्ष्मण नायक ने कहा कि इनकी मांगों से हेमंत सरकार को पूर्व में अवगत करा दिया गया था, लेकिन आश्वासन देने के बाद सरकार मुकर गयी, जो गलत हैं. जिसका जवाब मिलेगा. मौके पर लक्ष्मी कुमारी, पूर्णिमा देवी, श्रीमती देवी, प्रेम कुमारी, अंजू कुमारी, सावित्री देवी, उर्मिला देवी, सुनीता देवी, यशोदा देवी, सुलोचना देवी, विमला देवी, शीला देवी, ऊषा देवी, सुलेखा देवी, रूपा देवी, आलोमनी देवी आदि शामिल थे.
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