Bokaro news: हीमोफीलिया ब्लड से जुड़ी दुर्लभ बीमारी,चिकित्सक के संपर्क में रहे : डीडीसी

Bokaro news: सदर अस्पताल में ‘हीमोफीलिया के नये उपचार’ पर कार्यशाला का आयोजन, अतिथियों ने कहा : हीमोफीलिया अलग-अलग जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2024 11:41 PM

बोकारो, सदर अस्पताल के सभागार में सोमवार को ‘हीमोफीलिया के नये उपचार’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन डीडीसी गिरिजा शंकर प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, विशिष्ट अतिथि डॉ नयना राजपूत, डॉ मिनी रानी अखौरी, डॉ साकेत वर्मा, सदर डीएस डॉ अरविंद कुमार, आरसीएचओ डॉ सेलीना टुडू ने किया. डीडीसी श्री प्रसाद ने कहा कि हीमोफीलिया ब्लड से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है. जो ब्लड जमने से रोकता है. चिकित्सक के संपर्क में रहे. चिकित्सकों की निगरानी में रहते हुए व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है.

अतिथियों ने कहा कि हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को आमतौर पर चोट लगने के बाद सामान्य से अधिक समय तक ब्लीडिंग होती है. बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग व ब्लड क्लॉट का खतरा बना रहता है. हीमोफीलिया अलग-अलग जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होते हैं. इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को सामान्य करने व अधिक खतरे को रोकने में मदद कर सकता है. सही देखभाल से हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. हीमोफीलिया तब होता है, जब ब्लड क्लॉटिंग के लिए आवश्यक प्रोटीनों में से कुछ कम होता है. अतिथियों ने कहा कि कम प्रोटीन को फैक्टर आठ या नौ के रूप में जाना जाता है. फैक्टर की कमी का लेवल हीमोफिलिया की गंभीरता को निर्धारित करता है. इससे पीड़ित लोगों को बहुत कम या कोई लक्षण अनुभव नहीं होता. कुछ मामलों में जोड़ों का दर्द व सूजन, मांसपेशियों से खून आना, जोड़ों के आस पास के टिशू में ब्लीडिंग, ब्रेन में ब्लीडिंग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग, नाक से खून आना मुख्य लक्षणों में शामिल है.

ये थे मौजूद :

मौके पर डॉ सौरव सांख्यान, डॉ नजमा खातून, डॉ मुश्ताक, डॉ संजय कुमार, डॉ मैथिली ठाकुर, डॉ अरुण कुमार, डॉ पंकज भूषण, डॉ पिंकी पाल, डॉ निकेत चौधरी, एपीडेमोलॉजिस्ट पवन श्रीवास्तव, डीपीएम दीपक गुप्ता, डीएएम अमित कुमार, प्रबंधक नीतिका तिवारी, सुदीप चंद्रा, नयन राय, झरना महतो सहित अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

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