बोकारो, बोकारो में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण संबंध में सभी समस्या अब खत्म हो गयी है. शुक्रवार को कैबिनेट की हुई बैठक में बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण पूर्व मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो के नाम पर करने का निर्णय लिया गया. बताते चलें कि निर्माण के लिए भूमि पूजन इसी माह में हुआ था. निर्माण सेक्टर 12 में 25 एकड़ भूखंड में 687.5 करोड़ रुपये की लागत से होगा. अब उम्मीद जतायी जा रही है कि कॉलेज निर्माण तेज गति से होगा. मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण संबंधित फैसला पर मंत्री बेबी देवी ने सरकार का आभार जताया है.
500 बेड का अस्पताल व 100 बेड का होगा मेडिकल कॉलेज
बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के लिए राज्य सरकार को बोकारो सेक्टर-12 में बीएसएल की ओर से 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है. यह जमीन फोरलेन पर व सुधा डेयरी के ठीक सामने स्थित है. बोकारो में मेडिकल कॉलेज 100 बेड का होगा. साथ ही 500 बेड के अस्पताल का निर्माण होगा. अस्पताल में एकेडमिक ब्लॉक के अलावा एक ऑडिटोरियम, डॉक्टर व पारा मेडिकल कर्मियों के लिए आवास, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आवास, प्ले ग्राउंड, छात्रों व शिक्षकों के मनोरंजन के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं, मल्टी पर्पस हाल, गेस्ट फैकल्टी के लिए अलग से कक्ष आदि सुविधा रहेगी. मेडिकल कॉलेज का अपना अलग पावर हाउस होगा, इसमें सोलर सिस्टम की भी व्यवस्था की जायेगी.इस साल खूब हुई थी चहल-पहल, फिर कोर्ट में गया था मामला
बोकारो में मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग लंबे अरसे हो रही है. 2015 के बाद पूर्व की रघुवर सरकार में बोकारो मेडिकल कॉलेज की घोषणा दो बार की गयी. मौजूदा सरकार में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते इसे लेकर घोषणा की गयी. 16 दिसंबर 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कॉलेज निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी मिली. फिर चंपाई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद शिलान्यास की चर्चा हुई. मार्च 2024 में खूब चहल-पहल हुई कि लोकसभा चुनाव का आचार संहिता लागू होने के पहले मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हो जायेगा. लेकिन, फिर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज निर्माण का मामला कोर्ट पहुंच गया. दरअसल, 16 दिसंबर 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कॉलेज निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी. इसके 13 दिन बाद निर्माण संबंधित टेंडर प्रकाशित किया गया. 687.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण संबंधित टेंडर निकाला गया था. झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से टेंडर जारी किया गया था. लगभग 36 माह में निर्माण कार्य पूरा करना था. टेंडर प्रकिया में हैदराबाद की एबीएन कंपनी व एलएंडटी ने हिस्सा लिया. बाद में एलएंडटी को तकनीकी रूप से अयोग्य करार दे दिया गया. इसके बाद एलएंडटी कंपनी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बाद में एलएंडटी ने अपना दावा वापस ले लिया. इसके बाद हैदराबाद की एबीएन कंपनी को टेंडर मिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है