सीपी सिंह, बोकारो, मोदी सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने की संकल्पना के साथ 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाना था. 2024 तक योजना को पूरा करना है. योजना के तहत बोकारो जिले के 316690 घर तक नल से जल पहुंचाना है. योजना के शुरू हुए पांच साल हो गये है. लेकिन, अबतक (02 दिसंबर 2024 तक) सिर्फ 49.79 प्रतिशत चिन्हित घर में ही योजना पहुंची है. यानी 157695 घरों में योजना के तहत कनेक्शन मिला है. यह स्थिति तब है जब बोकारो जिला में योजना की शुरुआत के समय ही 21148 घर नल से जल पहुंच रहा था. अब शेष एक माह में 50 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल करना है.
पिछले दिनों बोकारो डीसी विजया जाधव ने चास पेयजलापूर्ति योजना फेज दो को किसी भी हाल में दिसंबर-जनवरी तक शुरू करने का निर्देश दिया है. लेकिन, पूरा जिले के विभिन्न पेयजलापूर्ति योजना की स्थिति देखकर कहना गलत नहीं होगा कि एक माह में लक्ष्य प्राप्ति तो दूर, लक्ष्य के करीब पहुंचना भी संभव नहीं है.कार्य गति बढ़ने के बजाय हो रही कम
बोकारो जिला में हर घर को योजना से जोड़ने की कार्य गति बढ़ने के बजाय कम हो रही है. 2019-20 में योजना के तहत 2862 घर को कनेक्शन मिला. वित्तीय वर्ष 2022-21 में 44,495 घर को कनेक्शन मिला. इसके बाद जिला का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 39,980 घर, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 26,736 घर, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 20,345 घर को कनेक्शन दिया गया. सबसे खराब स्थिति तो वर्तमान यानी वित्तीय वर्ष 2024-25 की रही. इस वित्तीय वर्ष में मात्र 2,129 घर को ही योजना के तहत कनेक्शन मिला.गिरते चला गया ग्राफ
2019 में योजना की शुरुआत होने के बाद बोकारो जिला ने राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया. 2022 के शुरुआत में बोकारो जिला प्रदेश में योजना के मामले में दूसरे स्थान पर था. लेकिन, इसके बाद लगातार जिला का ग्राफ गिरते चला गया. वर्तमान में बोकारो जिला प्रदेश में प्रदर्शन के आधार पर 15वें स्थान पर है. प्रदेश में सिमडेगा जिला 92.89 प्रतिशत उपलब्धि के साथ नंबर एक पर है.जिले के 691 गांवों में से 88 में शत-प्रतिशत कनेक्शन
बोकारो जिला के 691 गांवों में से 88 गांव में शत-प्रतिशत घरों में योजना के तहत कनेक्शन दिया गया है. वहीं 602 गांव में काम चल रहा है. जिले के गोमिया प्रखंड के खमहारा पंचायत के करमाटांड़ में अभी तक योजना की शुरुआत तक नहीं की गयी है. जिला के 244 में से 27 पंचायत ने हर घर जल पंचायत के लिए रिपोर्ट किया है. इसमें से 25 को सर्टिफाइड कर दिया गया है.बेरमो प्रखंड ने सबसे ज्यादा 83.55 % लक्ष्य किया है हासिल, चंदनकियारी फिसड्डी
जिले में सबसे बेहतर प्रदर्शन बेरमो प्रखंड का है. बेरमो प्रखंड में 20814 हाउस होल्ड को कनेक्शन देना था. इसमें से 17389 घर को कनेक्शन मिला. यानी 83.55 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया. सबसे खराब स्थिति चंदनकियारी प्रखंड की है. चंदनकियारी में 50108 हाउसहोल्ड को कनेक्शन देना था. इसमें से मात्र 16780 घर को कनेक्शन मिला. चंदनकियारी में मात्र 33.49 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल हुआ है. वहीं चास प्रखंड में मात्र 33.90 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल किया गया है. चास प्रखंड में 71191 घर में से मात्र 24135 घर को कनेक्शन मिला. प्रखंडवार स्थितिप्रखंड कनेक्शन देना था कनेक्शन मिला लक्ष्य हासिल (% में)चंदनकियारी 50108 16780 33.49चास 71191 24135 33.90कसमार 18574 7471 40.22जरीडीह 20903 8649 41.38नावाडीह 26625 13987 52.53चंद्रपुरा 24099 12939 53.69गोमिया 52689 35053 65.53पेटरवार 31687 21292 67.20बेरमो 20814 17389 83.5519 गांव योजना में नहीं है शामिल
प्रधानमंत्री की ओर से घोषित इस योजना में बोकारो संभवत: देश का एक मात्र जिला होगा, जहां के 19 गांवों को योजना में शामिल नहीं किया गया है. बोकारो के 19 अविस्थापित व अपुनर्वासित गांव को योजना में शामिल नहीं है. इन गांव में त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू होने के कारण इन्हें राजस्व गांव का दर्जा प्राप्त नहीं है. लेकिन, इन गांवों में लोग पीढ़ी-दर-पीढ़ी निवास करते आ रहे हैं. इन गांव में 50 हजार से अधिक की आबादी रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है