बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) में नियोजन सहित अन्य मांगों को लेकर विस्थापित अप्रेंटिस संघ ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया. विस्थापित बीएसएल के निदेशक प्रभारी बीके तिवारी के आवास पर धरना पर बैठे हैं. सुबह जब धरना शुरू हुआ, तब कुछ घंटे के लिये यातायात बाधित हो गया. गरगा पुल जाम हो गया. धरना के कारण चास से नया मोड़ तक सड़क वन-वे हो गयी. यूनियन नेता सुनील कुमार ने कहा कि लंबे समय से नियोजन के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मान रहा है.
आंदोलनरत हैं 1500 प्रशिक्षु
अमोद कुमार ने बताया कि 13 सितंबर 2024 को इडी व सीजीएम लेवल पर सकारात्मक वार्ता हुई थी, जिसमें संघ की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, 30 सितंबर 2024 को जब समिति के लोग फिर से प्रबंधन से मिले, तो उन्हें बताया गया कि अब तक किसी भी मांग पर कोई प्रगति नहीं हुई है. विवश होकर चार अक्टूबर से संघ के बैनर तले विस्थापित नियोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे है. 1500 विस्थापित प्रशिक्षु नियोजन के लिये आंदोलनरत है.किसी भी तरह के नियोजन व मुआवजे की देनदारी नहीं : बीएसएल
यहां उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले बोकारो निवास में बीएसएल प्रबंधन की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रभारी निदेशक ने एक सवाल के जवाब में सीधे तौर पर कहा था कि विस्थापितों के लिए किसी भी तरह के नियोजन व मुआवजे की देनदारी नहीं है. विरोध करने वाले लोग हमारे आस-पास के गांवों के हैं. हमारे लोग हैं. हम उनके लिए कुछ करने की कोशिश जरूर करेंगे. लेकिन, विस्थापित के नाम पर हम कोई नौकरी देने की स्थिति में नहीं हैं. जितनी नौकरी मिलनी चाहिये थी, वो मिल गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है