12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BOKARO NEWS : दामोदर नद में अतिक्रमण है या नहीं : याचिकाकर्ता ने रखी बात व प्रस्तुत किया डॉक्यूमेंट

BOKARO NEWS : पिछरी कोलियरी के कारण दामोदर नद की धारा बदलने की शिकायत पर सुनवाई, बोकारो परिसदन में प्रदूषण विभाग, डीएमओ, कोल इंडिया व याचिकाकर्ता की बैठक

बोकारो, सीसीएल ढोरी प्रबंधन की बंद पिछरी कोलियरी में खनन के दौरान दामोदर नद में अतिक्रमण व नद की धारा मोड़ने की शिकायत पर मंगलवार को जिला प्रशासन, प्रदूषण विभाग, कोल इंडिया व याचिकाकर्ता की बैठक हुई. मामले का निष्पादन करने के लिए याचिकाकर्ता व कोल इंडिया दोनों पक्ष की बात सुनी गयी. दोनों पक्ष को इस संबंध में पूरा डॉक्यूमेंट जमा करने का निर्देश दिया गया. याचिकाकर्ता आशीष पाल ने इस संबंध में डॉक्यूमेंट जमा किया. श्री पाल कहा कि खनन के नाम पर सीसीएल प्रबंधन की ओर से हजारों पेड़ की कटाई की गयी. जिस जमीन पर सीसीएल का मालिकाना हक तक नहीं, वहां भी खनन किया गया. जबकि नक्शा में साफ जाहिर है कि उक्त स्थान पर जंगल था.

दामोदर नद के प्लॉट पर लगा दिया गया है पोल

याचिकाकर्ता के अनुसार खाता संख्या- 237, प्लॉट नंबर- 2099 सर्वे खतियान के अनुसार जंगल दर्ज है. आशीष पाल ने बताया कि पेटरवार अंचल अधिकारी के पत्रांक संख्या 742, (27 नवंबर 2018) में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि उक्त खाता व प्लॉट में सीसीएल प्रबंधन ढोरी का 22 बिजली का पोल व प्लॉट संख्या 1513, जो सर्वे खतियान के अनुसार जंगल दर्ज है, उसमें 08 बिजली के पोल है. याचिकाकर्ता ने बताया कि प्लॉट संख्या- 4309 जो दामोदर नदी का प्लॉट है, वहां भी वर्तमान में तीन बिजली के पोल हैं.

दामोदर नद की दिशा बदली !

आशीष पाल ने बताया कि तीन मई 2014 को बेरमो एसडीओ ने मेमो नंबर 324 में स्पष्ट किया है कि खाता नं- 237, प्लॉट संख्या- 2099 में सीसीएल प्रबंधन, ढोरी की ओर से 7.76 एकड़ जमीन में उत्खनन कार्य किया है. याचिकाकर्ता की माने तो पिछरी पंचायत के ग्रामीणों ने अमीन द्वारा दामोदर नद व पिछरी खादान की नापी कराया. इसमें स्पष्ट हुआ कि उक्त खाता व प्लॉट संख्या में कोलियरी के अंदर 2.50 एकड़ व ओबी में 13.19 एकड़ जमीन सीसीएल ने अतिक्रमित किया है. इतना ही नहीं प्लॉट संख्या- 4309, जो दामोदर नदी का प्लॉट है, उसमें सीसीएल प्रबंधन, ढ़ोरी ने अवैध रूप से कोयले की निकासी कर 11.55 एकड़ जमीन को ओबी पत्थर से भर दिया. ओबी दामोदर नद में भरने से नद की दिशा बदली है. साथ ही पेड़ों की कटाई का वातावरण पर असर हुआ है.

सभी पहलूओं को ध्यान में रखकर होगी जांच : डीएमओ

डीएमओ रवि कुमार व प्रदूषण विभाग के विवेक कुजूर ने इस मसले पर कहा कि मामला बहुत पुराना है. सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. दोनों पक्ष से कागजात की मांग की गयी है. नदी में अतिक्रमण हुआ है या नहीं, ये पूरी जांच के बाद ही पता चलेगा. प्रदूषण मानक का ख्याल रखने के उद्देश्य से भी जांच चल रही है. याचिकाकर्ता ने मसले पर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें