Bokaro News: गोविंद चौधरी हत्याकांड के छह दोषियों को आजीवन कारावास

Bokaro News: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार की अदालत ने सुनायी सजा, दोषियों पर 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 11:59 PM
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बोकारो, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार की अदालत ने शुक्रवार को गोविंद चौधरी हत्याकांड में छह दोषी को आजीवन कारावास का सजा सुनायी है. गोपाल सिंह, ब्रजेश चौरसिया, रवि सिंह, बच्चा प्रसाद, राज किशोर प्रसाद, व गुड्डू शेख पर 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है. घटना बालीडीह में 28 जुलाई 2014 सुबह साढ़े छह बजे शुरू हुई. कुछ महिलाएं रेलवे लाइन के किनारे शौच के लिए गई हुई थी. गोपाल सिंह छेड़खानी कर रहा था. गोविंद के विरोध पर नोकझोंक शुरू हुई, फिर समझा बुझाकर घर भेज दिया. उसी शाम सात बजे के करीब सभी दोषी गोविंद चौधरी को घर से बुलाकर लोहे की रॉड, हॉकी, स्टिक डंडा व पत्थर से हमला कर दिया. हल्ला गुल्ला के बाद दोषी फरार हो गये. परिजनों की मदद से जख्मी को इलाज के लिए बीजीएच में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान गोविंद चौधरी की मौत हो गई. बड़े भाई वीरेंद्र चौधरी की शिकायत पर नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. सुनवाई में सभी दोषी पाये गये.

साक्ष्य के अभाव में आरोपी रिहा

बोकारो के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई की. इसमें जाति सूचक शब्द कह कर अपमानित करने व जानलेवा हमला कर घायल करने के आरोपी बालीडीह निवासी सूरज सिंह, भागीरथ सिंह, कामदेव सिंह, नीरज सिंह, विशाल सिंह को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया. सूचक ने प्राथमिकी में कहा था कि आरोपियों ने जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था. इलाज बोकारो जनरल अस्पताल में हुआ. न्यायालय ने आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. आरोपी बैजनाथ सिंह, नीरज सिंह, आदित्य चौबे व अन्य की ओर से अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बहस की.

जानलेवा हमला के आरोपी रिहा

बोकारो के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने जानलेवा हमला कर घायल करने के आरोपी सेक्टर 4 निवासी राजन राम, ओम कुमार व प्रेम कुमार को सबूत के अभाव में शुक्रवार को रिहा कर दिया. सूचक ने सेक्टर चार थाना में मामला दर्ज कराया था. कहा था कि सरस्वती पूजा करने के दौरान डीजे बजाने के विवाद पर आरोपियों ने जानलेवा हमला कर दिया था. इसमें घायल हो गये थे. इलाज सदर अस्पताल में हुआ. आरोपी की ओर से अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बहस की.

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