बोकारो, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआइएनएल) के सेल में विलय का विरोध आरआइएनएल व विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) के कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के करने के बाद अब स्टील सिटी बोकारो से भी आवाज उठी है. बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) अध्यक्ष एके सिंह एंड टीम ने केंद्रीय इस्पात मंत्री से आरआइएनएल के सेल में विलय का विरोध किया है. केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी व इस्पात राज्यमंत्री भूपतिराजु श्रीनिवास वर्मा के बोकारो दौरे में बोसा अध्यक्ष एके सिंह ने मुलाकात की. श्री सिंह ने कहा कि आरआइएनएल का सेल में विलय उचित नहीं है. इससे सेल की स्थिति भी हो डावांडोल जायेगी. आरआइएनएल के पास कभी भी कैप्टिव खदानें नहीं थीं. आरआईएनएल को लागत के मोर्चे पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. श्री सिंह ने कहा कि आरआइएनएल गंभीर वित्तीय संकट में था. लगातार घाटे का सामना कर रहा था. आरआइएनएल को बैंकों द्वारा गैर-निष्पादित परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत किये जाने का खतरा था.
बकाया एरियर, पर्क्स, लीज-लाइसेंस पर भी चर्चा
अध्यक्ष एके सिंह व महासचिव अजय कुमार पांडेय के साथ पदाधिकारियों ने इस्पात मंत्री से आरआइएनएल के साथ-साथ बकाया एरियर, पर्क्स, लीज-लाइसेंस पर सभी तरह के क्वार्टर का आवंटन आदि पर चर्चा की. अध्यक्ष ने कहा कि आरआइएनएल को अब स्पेशल पैकेज मिल चुका है. इसलिए आरआइएनएल का सेल में विलय करना ठीक नहीं है. आरआइएनएल का सेल में विलय करने से सेल भी कर्ज में डूब जायेगा. इसलिए जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जाय. सी व डी प्रकार के क्वार्टर के लाइसेंस पर देने की मांग की गयी. बोसा की ओर से बेकार संपत्तियों का विमुद्रीकरण व आरआइएनएल के पुनरुद्धार पैकेज जारी करने के लिए धन्यवाद दिया गया.बोकारो चेंबर ने कि बीएसएल की उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन तक बढ़ाने की मांग
बोकारो, बोकारो चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष मनोज चौधरी के नेतृत्व में इस्पात मंत्री व राज्य मंत्री से मिला. चेंबर ने मांग की कि बोकारो इस्पात संयंत्र की उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन तक बढ़वाई जाय. बियाडा स्थिति इकाइयों के संरक्षण किया जाय. संरक्षक संजय बैद, नरेंद्र सिंह, असीम गोराईं, श्याम गुप्ता उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है