पेटरवार, पेटरवार प्रखंड अंतर्गत बुंडू पंचायत भवन में बुधवार को डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन और स्वानिति इनिशिएटिव की ओर से बोकारो के पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया. बताया गया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य कोयले पर निर्भर क्षेत्रों के विकास के लिए नए रास्ते तलाशना और डिजिटल मॉडल के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है.
झारखंड में 108 कोयला खदानें होने के बावजूद, राज्य सरकार ने 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने का फैसला किया है. इसी के तहत, राज्य सरकार ने जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स का गठन किया है. इस कार्यशाला में, कोयले पर निर्भर आबादी और उद्योगों के लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसरों पर चर्चा की गयी. झारखंड में कोयला-आधारित अर्थव्यवस्था से हटकर नए रास्ते तलाशने की दिशा में पहल, पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को कोयले से परे आर्थिक विविधीकरण के लिए जागरूक किया गया. डिजिटल मॉडल के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उतप्रेरित किया गया. यह कार्यशाला झारखंड कोयला-निर्भर क्षेत्रों को मजबूत और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.कार्यशाला को सफल बनाने में इनका रहा योगदान
कार्यशाला की सफलता में स्वानिति से सत्येंद्र कुमार सिंह, डीइएफ हेड ऑफिस दिल्ली के अर्पिता जॉय, मैत्री सिंह, बुंडू मुखिया निहारिका सुकृति, जिला समन्वयक सुरेश राम, सर्वेयर सुमित्रा वाला देवी, निराली बारा, ममता कुमारी, अजीत कुमार महतो ,संदीप कुमार, ममता देवी, लक्ष्मण राम, अशोक तुरी, सविता देवी की भूमिका सराहनीय रहा. कार्यशाला में बोकारो जिले के नौ प्रखंडों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और प्रमुख शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है