बोकारो, श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल सेक्टर पांच में शनिवार को ओणम व हिंदी दिवस की धूम रही. अवसर पर स्कूल प्रांगण में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये. प्रकृति के पर्व ओणम में स्कूल के सभागार में आकर्षक रंगोली बनायी गयी थी. फूलों और रंगों से निर्मित रंगोलियों ने सबका ध्यान आकृष्ट किया. शिक्षक-शिक्षिका व कर्मी केरल की पारंपरिक वेशभूषा में दिखे. अंत में ओणम लंच/सद्या का आयोजन हुआ. इससे पहले प्राचार्या पी शैलजा जय कुमार व अन्य ने ओणम महोत्सव की शुरुआत की.
न्यायप्रिय राजा महाबली की वापसी का प्रतीक है ओणम पर्व
प्राचार्या पी शैलजा जय कुमार ने ओणम का महत्व बताया. कहा कि ओणम पर्व पौराणिक न्यायप्रिय राजा महाबली की वापसी के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. सर्वधर्म समभाव के प्रतीक केरल प्रांत का मलयाली पर्व ओणम राजा बलि की आराधना का दिन, समाज में सामाजिक समरसता की भावना, प्रेम व भाईचारे का संदेश पूरे देश में पहुंचा कर देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने की प्रेरणा देता है. मान्यता है कि राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने आते हैं. उन्हें यह सौभाग्य भगवान विष्णु से मिला था. लोग विष्णु जी की आराधना व पूजा करने के साथ ही अपने राजा का स्वागत भी करते हैं.हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता अभियान व सांस्कृतिक कार्यक्रम
प्राचार्या ने कहा कि 14 सितंबर हिंदी भाषा के महत्व व उसके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन की महत्ता स्थापित करने के उद्देश्य से छात्रों व शिक्षकों ने हिंदी दिवस मनाया. निबंध प्रतियोगिता, कविता पाठ, भाषण, पोस्टर मेकिंग, हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता अभियान व सांस्कृतिक कार्यक्रम हुये. कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमारी सांस्कृतिक पहचान भी इसी से है. दूसरी भाषा संपर्क भाषा हो सकती हैं. लेकिन, हम सबको राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बांधने की शक्ति हिंदी के पास हीं है. उप प्राचार्या राजलक्ष्मी व उप प्राचार्य सुरेश नायर सहित शिक्षक-शिक्षका व कर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है