बोकारो, छोटानागपुर आयरन एंड स्टील के मैन्युफैक्चरर्स व ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से सेकेंडरी प्रोडक्ट के इ-ऑक्शन में झारखंड राज्य के बाहर के व्यापारियों को सम्मिलित करने के विरोध अनिश्चितकालीन हड़ताल बुधवार को जारी रही. बोकारो चेंबर की कार्यकारिणी ने हड़ताल का समर्थन दिया. चेंबर के संरक्षक संजय वैध ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से व्यापारियों की मांग के संबंध में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि 40 वर्ष से व्यापारी व उद्यमी बोकारो स्टील प्लांट के सेकेंडरी मेटेरियल्स व सामग्री की खरीद- बिक्री करते आ रहे हैं. महामंत्री राजकुमार जायसवाल ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र में हो रहे हैं सेकेंडरी की एक्शन में झारखंड के बाहर के प्रतिष्ठान का निबंध स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. मौके पर सिद्धार्थ पारिख, संगठन के अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, सिद्धार्थ डे, सुभाष जैन, प्रदीप अग्रवाल, अशोक कुमार पप्पू, दिलीप गोयल, भगवान यादव, लक्ष्मण सिंह, मुन्ना सिंह, मनोज केजरीवाल, सुनील मित्तल, अरविंद श्रीवास्तव व अन्य मौजूद थे.
एसोसिएशन की मांग न्यायसंगत नहीं : बीएसएल
इधर, बीएसएल ने मामले पर बयान जारी कर कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र में सेकेंडरी स्टील (स्क्रैप) का विक्रय सरकार के दिशा निर्देशों के आलोक में सेल में बनी पॉलिसी के तहत पूरी पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन फॉरवर्ड ऑक्शनिंग की प्रक्रिया से किया जाता है. इसमें देश भर से कोई भी ओपन बिडिंग के अंतर्गत भाग ले सकता है. इसी प्रणाली के तहत फरीदाबाद के एक फर्म ने इस बार तय प्रक्रिया से गुजर कर लगभग 100 टन स्क्रैप स्टील के उठाव का ऑर्डर प्राप्त किया है. केंद्रीय सार्वजनिक लोक उपक्रम होने के नाते बोकारो इस्पात संयंत्र सरकारी उपक्रमों के लिए गाइडलाइन व नियम से संचालित होता है. इसके तहत किसी भी फर्म को भौगोलिक आधार पर इस प्रकिया में भाग लेने से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसे में छोटानागपुर आयरन एवं स्टील मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन की यह मांग कि बाहर के किसी भी पार्टी को माल नहीं उठाने दिया जाए या उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जाए, ना केवल नियम विरुद्ध है बल्कि न्यायसंगत भी नहीं है. बोकारो स्टील प्लांट नियमों के दायरे में स्थानीय उद्योगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध व प्रयासरत है. एक सकारात्मक माहौल बनाये रखने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा रखता है.
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