बोकारो, हेल्दी ब्रेन, स्मार्ट बेबी थीम को लेकर इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन बोकारो शाखा की ओर से सेक्टर वन हंस पैलेस में चल रहा तीन दिवसीय 23 वां झारखंड पेडिकॉन-2024 कार्यशाला का दूसरे दिन शनिवार को चार सत्रों में चला. डॉ पंकज कुमार (संयुक्त आयोजन सचिव), डॉ संजय कुमार (कोषाध्यक्ष), डॉ कामाख्या (निबंधन कमेटी), डॉ इमरान (एकोमोडेशन केमेटी सदस्य), डॉ पंकज कश्यप (कल्चरल कमेटी) ने अतिथि चिकित्सकों का स्वागत किया. कहा कि बोकारो में होनेवाले पेडिकॉन सम्मेलन कई मायने में मील का पत्थर साबित होगा. कार्यशाला में जन्म से लेकर 12 वर्ष की अवस्था तक के बच्चों की बीमारियों पर चर्चा की गयी. कहा कि हम जानते हैं कि बदलते समय के साथ गर्भवास्था के साथ ही गर्भवती कई तरह की प्रदूषण की समस्याओं से जूझती है. असर गर्भावस्था में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. प्रसव के बाद नवजात को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. वर्कशॉप बच्चों को बीमारी से बचाने में सहायक होगा.
आठ चिकित्सकों ने चार सत्र को किया संबोधित
प्रथम सत्र में डॉ राजीव शरण व डॉ रामेश्वर ने सपोर्टिव केयर एंड इंटरफेस के जरिये बताया कि नवजात की देखभाल कैसे करनी है. इसके लिए सजगता के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को नवजात की देखभाल करनी है. दूसरे सत्र में डॉ राजेश कुमार व डॉ कुमार दीवाकर ने एचएफएनसी के जरिये नवजात को होनेवाली बीमारी में थेरेपी की कारगर के बारे में बताया. तीसरे सत्र में डॉ भावेश कांत व डॉ शशांक ने सीपीएपी के बारे में बताया. कहा कि सीपीएपी मशीन से मिलने वाली दबाव वाली हवा वायुमार्ग को संकुचित होने से रोकती है. सीपीएपी मशीन के उपयोग के बाद नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है. खर्राटे कम होते हैं या खत्म हो जाते हैं. दिन में कम नींद आती है. उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. स्ट्रोक का खतरा कम होता है. चौथे सत्र में डॉ विजन साहा व डॉ श्रेया आकांक्षा ने नजल आइएभी व एसएमआइभी पर व्याख्यान दिया. जो वेंटिलेटर से जुड़ा चिकित्सा प्रणाली है.
ये चिकित्सक हुए शामिल
कार्यशाला में डॉ मिथिलेश कुमार (पेट्रन), डॉ मुश्ताक (संयोजक), डॉ इंद्रनील चौधरी (आयोजन अध्यक्ष), डॉ एलके ठाकुर (आयोजन सचिव), डॉ पंकज कुमार (संयुक्त आयोजन सचिव), डॉ संजय कुमार (कोषाध्यक्ष), डॉ कामाख्या (निबंधन कमेटी), डॉ इमरान (एकोमोडेशन केमेटी सदस्य), डॉ पंकज कश्यप (कल्चरल कमेटी), चास अनुमंडल अस्पताल से डॉ रवि शेखर, निश्चेतक डॉ अवनिश श्रीवास्तव, डॉ निलयकांत, राजेश कुमार (रानी अस्पताल रांची), डॉ विजन साहा (आइपीजीएमइआर कोलकाता), डॉ भावेश कांत (एम्स पटना), डॉ राजीव शरण (टाटा मोटर्स जमशेदपुर), डॉ कुमार दीवाकर (टीएमएच जमशेदपुर), डॉ रामेश्वर (एम्स पटना), डॉ श्रेया आकांक्षा (रानी अस्पताल रांची), डॉ शशांक शेखर (धनबाद), डॉ एमकेसी नायर, डॉ रवि, डॉ ए पाठक, डॉ संतोष कोनडेकर, डॉ शुभम, डॉ अवनिश कुमार, डॉ शिप्रा कमल, डॉ श्यामल कुमार सहित दर्जनों शिशु रोग, निश्चेतक सहित अन्य चिकित्सक शामिल थे.
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