दुर्गापूजा के बाद खुलेगी पिछरी कोलियरी, विस्थापित संघर्ष समिति व सीसीएल प्रबंधन की रांची में हुई वार्ता
पिछरी कोलियरी को खोलने को लेकर कई बिंदुओं पर सहमति बनी. वार्ता में निर्णय हुआ कि अधिग्रहीत जमीन के दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए 15 दिनों के भीतर राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों से त्रिपक्षीय वार्त आहूत कर जल्द समाधान निकाला जायेगा.
बोकारो जिले में पिछरी कोलियरी खोलने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. तीन महीने के भीतर सारी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जायेगा और दुर्गापूजा के बाद पिछरी कोलियरी को विस्थापितों के सहयोग से चालू कर दिया जायेगा. ये बातें कोल इंडिया के चैयरमेन के लिए चयनित सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कही. श्री प्रसाद की अध्यक्षता में शनिवार को रांची स्थित दरभंगा हाउस में विस्थापित संघर्ष समिति के नेताओं और सीसीएल प्रबंधन की उच्चस्तरीय वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई.
जल्द शुरू होगा अधिग्रहीत जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन
पिछरी कोलियरी को खोलने को लेकर कई बिंदुओं पर सहमति बनी. वार्ता में निर्णय हुआ कि अधिग्रहीत जमीन के दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए 15 दिनों के भीतर राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों से त्रिपक्षीय वार्त आहूत कर जल्द समाधान निकाला जायेगा. इसके बाद रैयतों को नौकरी, मुआवजा की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. पिछरी कोलियरी से प्रभावित होनेवाले कई मुहल्लों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जायेगी.
वार्ता में ये लोग भी हुए शामिल
वार्ता में निदेशक तकनीकी (ऑपरेशन) रामबाबू प्रसाद, ढोरी जीएम एमके अग्रवाल, रेवन्यू महाप्रबंधक शंकर झा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. जबकि विस्थापितों की ओर से समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो, कार्यकारी अध्यक्ष काशीनाथ सिंह, बिनोद महतो महासचिव काशीनाथ केवट, पिछरी मुखिया कल्पना देवी, दिलचंद महतो, निर्मल चौधरी, काली सिह, डेविन मल्लाह, प्रकाश मल्लाह आदि शामिल थे.
एक्ट के तहत रैयतों को मिलेगा मुआवजा
समिति के नेताओं ने सीसीएल द्वारा मुआवजा राशि प्रति एकड़ नौ लाख दो हजार नौ सौ रुपये निर्धारित करने पर आपत्ति जतायी और आरएफसीटी एलआरआर एक्ट 2013 के अनुसार पेमेंट करने की मांग की, जिस पर प्रबंधन ने सहमति जतायी. प्रबंधन ने कहा कि आरएफसी टीएल आरआर एक्ट 2013 के अनुसार ही रैयतों को मुआवजा का भुगतान किया जायेगा.
एक करोड़ तक का ठेका विस्थापितों प्रभावितों को देने की मांग
एक करोड़ तक का ठेका विस्थापितों प्रभावितों को देने के आदेश को लागू करने और बेरोजगारों को वैकल्पिक रोजगार देने की मांग नेताओं ने उठायी. इस सवाल पर सीएमडी ने पेप कार्ड बनाकर सहयोग समितियों को ठेका देने का निर्देश अधिकारियों को दिया. यह जानकारी समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो व काशीनाथ केवट ने दी है.
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