Bokaro News: ईद-मिलादुन्नबी पर चास-बोकारो सहित ग्रामीण क्षेत्रों में निकला जुलूस

Bokaro News: अकीदतमंदों ने अमन-चैन व भाईचारे की मांगी दुआ, बारिश के बावजूद मुस्लिम समुदायों में दिखा उत्साह

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2024 11:38 PM
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बोकारो, पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर ईद-मिलादुन्नबी के अवसर में चास-बोकारो सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मुस्लिम समुदायों ने बारिश के बीच भी उत्साह के साथ भव्य जुलूस निकाला. जुलूस में बच्चे, नौजवान, बड़े बुजुर्गों ने शामिल होकर पर्व की खुशियां बांटी. हाथों में इस्लामिक झंडे को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस में शामिल हुए और सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा, हिंदुस्तान जिंदाबाद, इस्लाम जिंदाबाद, संविधान जिंदाबाद जैसे नारे बुलंद किया.बारिश के बावजूद भी उत्साह कम नहीं दिखा. उकरीद, सिवनडीह, डुमरो, हैसाबातु,आजाद नगर, मखदुमपुर, इस्लामपुर, सीजूआ, झोपरो, बीलीडीह, भर्रा, अंसारी मोहल्ला, चास, सुल्तान नगर, उत्तरी क्षेत्र कर्मागोडा, पिपराटाड, महेशपुर,अगरडीह, बास्तेजी, रजा नगर, इस्लाम डीह, मोहनडीह, जाला, घटयारी, सोनाबाद सहित अन्य स्थानों से जुलूस निकाला.

उकरीद पहुंच जलसे के रूप में तब्दील हुआ जुलूस

जुलूस सिवनडीह से चलकर उकरीद मजार शरीफ होते हुए नया मोड़ तक गया. इसके बाद वापस उकरीद मजार शरीफ पहुंचा, जहां जलसे के रूप में तब्दील हो गया. आयोजन अंजुमन इस्लामुल मुस्लिमीन उकरीद ने की. अंजुमन इस्लामुल मुस्लिमीन के सदर हाजी शम्स तबरेज अंसारी, महासचिव जान मोहम्मद अंसारी, सचिव मोहम्मद अब्बास अंसारी, कोषाध्यक्ष कलीम अंसारी, सक्रिय समाजसेवी रिजवान उल हौदा उर्फ कारी साहब, हसन इमाम अंसारी, मोहम्मद फारूक अंसारी, इमाम उल हक, मुखिया मो अजहरुद्दीन अंसारी, नसरुल हक शाहबाज, हाजी कमरुल हक, अब्दुल गफ्फार अंसारी, बारीक मुखिया, मुख्तार अंसारी, मिट्ठू बाबू, अत्ताउल्लाह अंसारी, ख्वाजा गुलाम, जमील अख्तर, मुखिया रौनक अफरोज, हाशिम अंसारी, हाजी शकील अहमद अंसारी, हाजी साधन बाबू आदि गणमान्य लोग मौजूद थे.

भर्रा से निकल सिटी पार्क मजार शरीफ पहुंचा जुलूस

भर्रा से निकला जुलूस मदरसा से होते हुए पूरा भर्रा होकर बोकारो होटल, पत्थरकट्टा चौक होते हुए सिटी पार्क मजार शरीफ पहुंचा. अकीदतमंदों ने मुल्क के अमन चैन, आपसी भाईचारा के लिए दुआ की गयी. मुस्लिम समुदायों के लोगों ने बताया कि पैगंबर मोहम्मद साहब केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे जहां के लिए रहमत बनकर आए और शांति व इंसानियत का पाठ सिखाया.

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