बोकारो, आसमान में बादल, जमीन पर पानी, इन दिनों बोकारो की यही कहानी बनी हुई है. तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश सोमवार को भी जारी रही. कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश ने शहर की रफ्तार रोक दी है. कभी-कभी बूंदाबंदी रुक भी जाती, तो भी आसमान पर जमें बादल ने शहर को पूरी तरह खुलने का मौका नहीं दिया. लगातार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. गली-मुहल्ले समेत मुख्य सड़क पर भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. बारिश का असर शहर के विभिन्न सेक्टर में देखने को मिला. सेक्टर के निचले इलाका में जलजमाव की स्थिति देखी गयी. नया मोड़ से सीजेड गेट होकर रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क से आवागमन प्रभावित हुआ. टूटी सड़क पर पानी जमने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. लकड़ीगोला (उकरीद मोड़) के पास बोकारो-रामगढ़ नेशनल हाइवे पर पानी का सैलाब देखा गया. चास नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न मुहल्ले में लगातार बारिश के कारण स्थिति खराब दिखी.
गरगा डैम का खोला गया फाटक, कॉजवे से ऊपर बह रहा है पानी
बारिश के कारण गरगा डैम का एक फाटक खोला गया है. इससे गरगा नदी का जलस्तर सामान्य से अधिक हो गया है. भर्रा को स्टील सिटी से जोड़ने वाली कॉज-वे से गरगा नदी का पानी ओवर फ्लो हो रहा है. इससे आवागमन ठप हो गया है. गरगा के अलावा सिंगारी जोरिया भी लबालब बह रहा है. बारिश का सिलसिला यूं ही रहने पर चीराचास स्थिति विभिन्न कॉलोनियों में पानी जमने की आशंका हो सकती है.
विश्वकर्मा पूजा के बाजार पर भी बादलों का साया
बारिश का असर बाजार पर स्पष्ट तौर पर दिख रहा है. बोकारो की हृदय स्थली सिटी सेंटर, सेक्टर चार में इक्का-दुक्का लोग ही दिखे. दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में दिखे, लेकिन इंतजार कइयों का पूरा नहीं हुआ. अस्थायी दुकान बंद ही रही. बारिश का असर विश्वकर्मा पूजा के बाजार पर भी दिखा. वाहन सजाने वाले दुकान कम लगाये गये. वहीं वाशिंग सेंटर में भी वाहनों की कतार छोटी ही देखी गयी. 17 सितंबर से पितृपक्ष शुरू होने के कारण वाहन की बिक्री पर भी ब्रेक लगने का डर डीलर का सता रहा है. शाम को बारिश थम गयी. इससे लोगों ने राहत की सांस ली. बाजार की रौनक शाम को कुछ हद तक लौटी. हालांकि, यह राहत ज्यादा देर की नहीं रही. मुश्किल से 10 मिनट तक बारिश थमती व फिर से शुरू हो जाती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है