Bokaro News : विकसित भारत बनाने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : रवि प्रकाश

Bokaro News : डीपीएस बोकारो में सीबीएसइ की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू, विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों सहित 60 से अधिक रिसोर्स पर्सन ने लिया हिस्सा

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 11:01 PM

बोकाराे, सीबीएसइ पटना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख रवि प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन विकसित भारत को साकार करने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. सशक्त प्रशिक्षकों के सहयोग से ही एनईपी 2020 के अनुरूप शिक्षण-पद्धति में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है, जिसका लाभ हमारे विद्यार्थियों को मिलेगा. रवि प्रकाश शुक्रवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुपालन को लेकर शुरू हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. प्रमुख रवि प्रकाश ने कहा कि सीबीएसइ देश व विदेश में कार्यशाला से नई प्रमाणन योजना के तहत आइएसटीएम के साथ 15,000 सशक्त रिसोर्स पर्सन तैयार कर रहा है. इससे पहले कार्यशाला की शुरुआत रवि प्रकाश के अलावा सीबीएसइ पटना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अनुभाग अधिकारी राघवेंद्र कुमार, आइएसटीएम के उप निदेशक प्रमोद कुमार जायसवाल व बंगाल सरकार के संयुक्त निदेशक (कार्मिक-प्रशासन) शुभ्राज्योति रे, जिला प्रशिक्षण समंवयक पी शैलजा जयकुमार व डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ एएस गंगवार ने की. सीबीएसइ के पटना उत्कृष्टता केंद्र के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन सचिवालय प्रशिक्षण व प्रबंधन संस्थान के सहयोग से हुआ. बोकारो व आसपास के जिला से विभिन्न विद्यालय के 60 से अधिक प्राचार्य, उपप्राचार्य व वरीय शिक्षकों ने भाग लिया.

कुशल प्रशिक्षक तैयार कर शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा

प्राचार्य डॉ गंगवार ने एनइपी 2020 को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने, कुशल, हुनरमंद व प्रतिभावान नयी पीढ़ी तैयार करने के साथ सशक्त भारत-निर्माण की दिशा में क्रांति व गेमचेंजर बताया. डॉ गंगवार ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से कुशल प्रशिक्षक तैयार कर शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा. रिसोर्स पर्सन प्रमोद कुमार जायसवाल ने विकसित भारत-निर्माण में हरसंभव योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों को शपथ दिलायीक. रिसोर्स पर्सन शुभ्राज्योति रे ने भी कार्यशाला की महत्ता बतायी. शिक्षकों का विषयवार विभिन्न प्रकार की गतिविधियां कराई गयी. पहले दिन प्रशिक्षकों के गुण, प्रशिक्षण के विभिन्न आयामों, अध्यापन-विधि, कौशल-आधारित शिक्षण-पद्धति, इनसे संबंधित एक्टिविटी व एक्सरसाइज, आकलन, मूल्यांकन आदि का दौर चला.

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