संतोष कुमार, चास, महावीर चौक चास स्थित श्री श्री सार्वजनिक काली मंदिर मुड़ार काली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. यह मंदिर पूरे चास के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है.मंदिर में प्रत्येक माह की अमावस्या में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. श्रद्धालु प्रतिदिन मां की चरणों में आकर मत्था टेकते हैं व सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. चास बोकारो के अलावा दूर- दराज से भी श्रद्धालु मां का दर्शन व पूजा-अर्चना करने आते हैं. यह क्षेत्र का सबसे पुराना काली मंदिर है. चास के स्थानीय लोग किसी प्रकार के नया कार्य या कारोबार शुरू करने से पूर्व मां काली की पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही ज्यादातर परिवार शादी, नया कारोबार व किसी भी धार्मिक कार्य शुरू करने के पहले पूजा कर आशीर्वाद लेते है. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी काली पूजा का आयोजन मंदिर कमेटी की ओर से धूमधाम से किया जायेगा.
पूजा में बोकारो व धनबाद जिले से पहुंचते हैं भक्त
मंदिर में आदिकाल से बंगाली पद्धति से होती है. पूजा पूजा आयोजक समिति के सदस्य राजेंद्र लाहा , बंकू बिहारी सिंह, दामोदर मोदी पुजारी श्याम सुंदर आचार्य, काजल राय, आलोक लाहा, अजीत सिंह, शिबू घोषाल ,विकास विश्वास सहित अन्य ने कहा कि मंदिर में मां काली की पूजा-अर्चना बंगाली रीति रिवाज से की जाती है. काली पूजा में प्रत्येक वर्ष स्थानीय लोगों के अलावा बोकारो व धनबाद जिले के विभिन्न क्षेत्र से श्रद्धालु आकर पूजा-अर्चना करते हैं. आदिकाल से मां काली की पूजा-अर्चना धूमधाम से की जाती है. पूजा समिति के सदस्यों ने कहा कि मंदिर में मां काली के प्रतिमा को किसी ने स्थापित नहीं किया था, बल्कि अपने आप मां की मूर्ति अवतरित हुई थी. शुरू से ही काली पूजा मे बलि देने की प्रथा चली आ रही है. इस काली मंदिर के प्रति लोगों का मानना है कि यहां सच्चे मन से आराधना करने पर सभी प्रकार की मन्नत पूरी होती है.
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