बोकारो स्टील प्लांट की ओर से संचालित बोकारो जेनरल अस्पताल – बीजीएच के के डायरेक्टर इंचार्ज अब ईडी कहलाएंगे. भारतीय इस्पात प्राधिकरण – सेल ने स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े अधिकारियों का पदनाम बदल दिया है. मेडिकल हेल्थ एंड सर्विस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर इंचार्ज का पद अब ईडी का हो गया.
बीएसएल – बीजीएच सहित सेल द्वारा संचालित अस्पतालों के डायरेक्टर अब चीफ मेडिकल ऑफिसर कहलाएंगे. ज्वाइंट डायरेक्टर को एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर पुकारा जाएगा. बदले गए पदनाम में असिस्टेंट डायरेक्टर को असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर एवं सीनियर कंसलटेंट को चीफ कंसलटेंट का पदनाम दिया गया है.
डीएमओ कंसलटेंट का पदनाम अब सीनियर डीएमओ कंसलटेंट
डीएमओ कंसलटेंट का पदनाम अब सीनियर डीएमओ कंसलटेंट का होगा. इसी तरह एडीएमओ स्पेशलिस्ट का पदनाम डीएमओ कंसलटेंट का किया गया. सीनियर मेडिकल ऑफिसर और मेडिकल ऑफिसर के पदनाम में कोई बदलाव नहीं किया गया. मेडिकल आफिसर की भर्ती ई-1 ग्रेड और सीनियर मेडिकल आफिसर की भर्ती ई-2 ग्रेड में की जाती है.
अधिकारियों का पदनाम पहले ही बदला जा चुका है
गुरुवार को सेल की ओर से जारी परिपत्र में पदनाम परिवर्तन की जानकारी दी गई है. बता दें कि सेल के अधिकारियों का पदनाम पहले ही बदला जा चुका है. महाप्रबंधक को मुख्य महाप्रबंधक और उप महाप्रबंधक को महाप्रबंधक बनाया जा चुका है. इसी तरह अन्य श्रेणी के अधिकारियों का भी पदनाम बदल चुका है.
वेतन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा
बोकारो इस्पात संयंत्र, राउरकेला, भिलाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का पदनाम निदेशक प्रभारी किया जा चुका है. खास बात यह कि सिर्फ पदनाम बदला गया है. आर्थिक रूप से कोई फायदा है. वेतन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. पदनाम परिवर्तन से अधिकारी वर्ग को लाभ मिल रहा है. वहीं, कर्मचारी वर्ग में इसको लेकर आक्रोश है.
पदनाम परिवर्तन को लेकर आंदोलन कर रहे हैं डिप्लोमा इंजीनियर
बोकारो इस्पात संयंत्र सहित सेल की सभी इकाइयों के डिप्लोमा इंजीनियर पिछले चार साल से पदनाम परिवर्तन को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. धरना प्रदर्शन और कैंडिल मार्च तक कर चुके हैं. 2017 में तत्कालीन इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने डिप्लोमा इंजीनियर को सम्मानजनक पदनाम देने की घोषणा की थी.
पदनाम नहीं बदला गया तो वह कामकाज ठप कर देंगे.
डिप्लोमा इंजीनियर को जूनियर इंजीनियर का पदनाम देने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर आज तक अमल नहीं हो सका. इस बात को लेकर सेल के डिप्लोमा इंजीनियर प्रबंधन को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर पदनाम नहीं बदला गया तो वह कामकाज ठप कर देंगे. इसका सीधा असर उत्पादन प्रक्रिया पर पड़ेगा.