बोकारो, बालीडीह थाना व बालीडीह औद्योगिक ओपी क्षेत्र में लगातार चोरी की घटनाओं को अंजाम देनेवाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनकी निशानदेही पर ट्रक का चक्का व बैट्री को बरामद किया गया. आरोपियों को चास जेल भेज दिया गया है. साथ ही अन्य चोरी की घटनाओं को लेकर पड़ताल की जा रही है. गुरुवार को प्रेस वार्ता कर ये जानकारी मुख्यालय डीएसपी अनिमेष कुमार गुप्ता ने दी.
मुख्यालय डीएसपी श्री गुप्ता ने बताया कि बालीडीह थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर की रात ओपी क्षेत्र स्थित संभावी पेट्रोल पंप के पास खड़ एक ट्रक का पांच टायर व दो बैट्री की चोरी हुई थी. चोरी के उद्भेदन के लिए एक टीम बनायी गयी. टीम ने कांड में शामिल तीन आरोपी तुपकाडीह निवासी सचिन कुमार व देवानंद अग्रवाल और बियाडा समीप खटाल निवासी अनुज कुमार को पकडा. निशानदेही पर ट्रक (JH09G-8632) का टायर पांच पीस व चार पीस बैटरी के साथ एक पिकअप वाहन बरामद किया गया. अन्य चोरी के मामले के उद्भेदन के लिए आरोपियों को रिमांड पर लिया जायेगा.टीम में बालीडीह थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह, बालीडीह ओपी प्रभारी परमानंद कुमार मेहरा, अनुसंधानकर्ता ओपी पुअनि आशीष कुमार, सअनि सुकुल कुमार, सअनि मिथिलेश राम, हवलदार संजय बैठा, हवलदार पूरन रजवार, आरक्षी सच्चू पासवान, चालक विमलेश कुमार सहित सशस्त्र बल को शामिल थे.
अपह्त व्यवसायी के भाई ने चीरा चास थाना में दर्ज कराया मामला
बोकारो, चीरा चास थाना में अपह्त जमीन व्यवसायी अविनाश कुमार के भाई मनोज कुमार ने गुरुवार को मामला दर्ज कराया है. कहा है कि मेरे भाई 18 दिसंबर को लगभग 12.30 बजे अपनी गाड़ी (बीआर01एचक्यू 8880) से तलगड़िया स्टेशन के समीप जमीन से कार्य कराकर आवास केके सिंह कॉलोनी लौट रहे थे. इसी क्रम में वाहन संख्या डब्लूबी16एजे 2048 में बैठे पांच – छह लोगों ने भाई की गाड़ी को रुकवाया. भाई की गाड़ी में बैठे उसके दोस्तों ने विरोध किया, तो उन सभी के साथ मारपीट की. घटना की शिकायत पुलिस से करने पर भाई अविनाश कुमार को लगभग पांच घंटे तक बंधक बनाये रखा. इसके बाद छोड़ दिया. लहूलुहान अवस्था में भाई चीरा चास थाना पहुंचे. मेरे भाई के साथ नीरज सिंह, प्रवेश, गौरव कुमार, बंटी राय आदि युवकों ने पहले भी दो बार मारपीट की है. पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की है. ज्ञात हो कि बुधवार को चीरा चास थाना क्षेत्र के तलगड़िया के समीप से जमीन व्यवसायी अविनाश का अपहरण कर लिया गया था. पुलिसिया दबाव के कारण पांच घंटे में अपहरणकर्ताओं ने छोड़ दिया था.
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