चंदनकियारी, चंदनकियारी प्रखंड के कुसुमकियारी पंचायत भवन को लेकर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. निर्माण के लिए स्वीकृत स्थल को परिवर्तन किए जाने के विरोध में सोमवार को कुसुमकियारी गांव के ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. स्वीकृत स्थल चंडीपुर से कुसुमकियारी गांव में स्थानांतरित करने के विरोध में ग्रामीण बैनर-पोस्टर के साथ प्रखंड कार्यालय के गेट पर प्रखंड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों ने कहा कि चंडीपुर में ही पंचायत भवन बने, कुसुमकियारी गांव में किसी भी हाल नहीं बनने देंगे. इसी दौरान बीडीओ राजीव कुमार सिंह के पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. बीडीओ ने प्रदर्शन को गैरकानूनी बताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.
वरीय अधिकारी के समक्ष रखें अपनी मांग : सीओ
वहीं कुछ देर बाद अंचलाधिकारी रवि कुमार आनंद पहुंचे व प्रदर्शनकारियों से वार्ता की और ग्रामीणों की मांग से अवगत हुए. सीओ ने ग्रामीणों से कहा कि सरकारी योजना का काम सरकारी जमीन में ही होता है. अगर इस संबंध में आपलोगों का जो कुछ भी मांग है, तो आप लोग वरीय पदाधिकारियों के समक्ष अपनी मांग रखे. अंचल स्तर से योजना संबंधित स्थल का जमीन प्रतिवेदन समर्पित के बाद आगे की कार्रवाई जिले के वरीय पदाधिकारी और योजना के संबंधित विभाग द्वारा की जाती है. प्रदर्शन में चंडीपुर समेत नुनियाडीह, बेराटांड़, गांगुडीह के अलावा टुमकुटांड़ के ग्रामीण शामिल थे. बता दें कि इसके पूर्व पांच सितंबर को ग्रामीणों ने गांव में स्वीकृत स्थल पर विरोध में प्रदर्शन किया था.
ग्रामीणों की मांग :
ग्रामीणों ने कहा की पंचायत भवन चंडीपुर में बनाना कुसुमकियारी गांव की जनता के लिए अनुकूल रहेगा. राजनीतिक साजिश के तहत पंचायत भवन को चंडीपुर गांव से स्थगित कर कुसुमकियारी ले जाया गया है. जबकि चंडीपुर में 10 डिसमिल जमीन राज्यपाल के नाम से दान देने के बाद भवन प्रमंडल बोकारो की ओर से संवेदक को पांच जुलाई को कार्यादेश दिया गया हैं. संवेदक ने कार्य शुरू कर नींव खुदाई की गयी, लेकिन चार सितंबर को एक जेसीबी मशीन आकर उक्त नींव को ढकने लगी. जिसकी सूचना ग्रामीण को होने पर पता चला पंचायत भवन को दूसरे जगह स्थानांतरित किया गया है. जो सरासर गलत है. चंडीपुर गांव एनएच 218 के किनारे स्थित है. जहां कोई भी आम जनता दिन व रात में आसानी से आ जा सकेंगे. जबकि कुसुमकियारी राजस्व गांव एनएच 218 से लगभग चार किलोमीटर की दूर पर हैं. जिसके बीच के घना जंगल हैं. जहां रात में हमेशा छिनतई की घटना होते रहता हैं. कुछ बिचौलियां अपनी निजी स्वार्थ के लिए उक्त पंचायत भवन को स्थानांतरित के लिए प्रशासन को भ्रामक सूचनायें उपलब्ध कराया. ग्रामीणों ने उपायुक्त कार्यालय पर आंदोलन की चेतावनी दी. ग्रामीणों ने कहा कि अगर इनसे भी बात नहीं बनती हैं, तो चंडीपुर व अन्य गांव के लोग आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है