Bokaro News : इस्पात संसदीय कमेटी की मीटिंग में उठा वेज रिवीजन का मुद्दा

Bokaro News : बीएकेएस बोकारो, भिलाई व आरएकेएस राउरकेला ने एक साथ कमेटी सदस्यों के समक्ष रखा मामले को, मिला आश्वासन

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 11:50 PM

बोकारो, इस्पात संसदीय कमेटी की मीटिंग बुधवार को रायपुर के एक रिसोर्ट में हुई. इसके पहले बीएकेएस बोकारो, भिलाई व आरएकेएस-राउरकेला ने कमेटी के संसद सदस्यों के समक्ष सेल कर्मियों के कई मुद्दे को रखा. इसकी गंभीरता को देखते हुए कई सदस्य चतरा सांसद कालीचरण सिंह, लोहरदग्गा सांसद सुखदेव भगत, राज्य सभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, राजसमंद सांसद रूप कुमारी चौधरी, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत आदि ने सेल कर्मियों के वेज रिवीजन पर हरसंभव कदम उठाने व मदद का आश्वासन दिया है.

आठ साल से अधूरे वेज रिवीजन को कमेटी चेयरमैन अनुराग ठाकुर के समक्ष भी लाया गया. किसी विशेष कारण से अनुराग ठाकुर दौरे पर नहीं आये. उनके निजी सचिव ने तीनों यूनियनों के पत्र को इस्पात मंत्रालय व सेल प्रबंधन को भेज कर जवाब लेने का निर्देश दिया है. एक्टिंग चेयरमैन के रूप में राजमहल सांसद विजय कुमार हांसदा ने कमेटी की अध्यक्षता कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. सेल गैर कार्यपालक कर्मियों का वेज रिवीजन एमओयू हुए 38 माह होने के बावजूद अभी तक एरियर व बाकी मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. इससे कर्मियों का लाखों रुपया का नुकसान प्रतिवर्ष हो रहा है.

दूसरी महारत्ना कंपनियों की तर्ज पर सेल गैर कार्यपालक कर्मियों का वेज रिवीजन करने की अनुशंसा पूर्व में ही इस्पात संसदीय कमेटी की ओर से दिसंबर 2014 में की गयी थी. जिसको सरकार (इस्पात मंत्रालय ) ने मान भी लिया था. उसके बाद सेल गैर कार्यपालक कर्मियों का 15% एमजीबी के बदले मात्र 13 प्रतिशत एमजीबी, 35 प्रतिशत पर्क्स के बदले मात्र 26.5 प्रतिशत पर्क्स पर अवैध समझौता किया गया. अधिकारी वर्ग को अप्रैल 2020 से पर्क्स के एरियर का भी भुगतान किया गया, जबकि कर्मचारी वर्ग को सरकार के मंजूरी तिथि से भुगतान कर भारी भेदभाव किया गया.

कर्मचारियों में है आक्रोश : अध्यक्ष

बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि बीएकेएस का गठन शोषण व अत्याचार की पृष्ठभूमि पर हुआ है. कर्मचारियों का स्थांनातरण, निलंबन, वेज रिवीजन में भेदभाव, सुविधाओं में भेदभाव ने सेल की सभी यूनिटों में कार्यरत कर्मचारियों के भीतर आक्रोश है. हम अपने अधिकार के लिए प्रत्येक फोरम पर जाने के लिये वचनबद्ध है.

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