बोकारो रेलवे स्टेशन: ग्रेड वन का है दर्जा, लेकिन नहीं हैं सुविधाएं, खरीदकर पीते हैं पानी
एक शिफ्ट में करीब 10-15 टीटी ऑन ड्यूटी रहते हैं. सभी टीटी इसी कार्यालय में कार्यों का निष्पादन करते हैं. वो भी बारी-बारी से. वजह है जगह की कमी. सीटीआई कार्यालय में पानी को साफ करने की लगी मशीन पिछले 6 महीने से हटा दी गयी है. नतीजतन यहां के टीई बोतल बंद पानी खरीद कर पीने को विवश हैं.
बालीडीह (बोकारो): दक्षिण पूर्व रेलवे बोकारो स्टेशन को ग्रेड वन स्टेशन का दर्जा प्राप्त है. माल ढुलाई से लेकर टिकट जांच में राजस्व उगाही में भी बोकारो कार्यालय आद्रा मंडल में नंबर एक पर है. इसके बावजूद बोकारो रेलवे के कॉमर्शियल विभाग का यह कार्यालय उपेक्षा का दंश झेल रहा है. सीटीआई (मुख्य टिकट निरीक्षक) कार्यालय संख्या बल की कमी से जूझ रहा है. कमरे की क्षमता बहुत कम है पर यहां के कर्मियों में नंबर वन रहने की लालसा में कोई कमी नहीं है.
पानी खरीदकर पीने को मजबूर है टीटी
एक शिफ्ट में करीब 10-15 टीटी ऑन ड्यूटी रहते हैं. सभी टीटी इसी कार्यालय में कार्यों का निष्पादन करते हैं. वो भी बारी-बारी से. वजह है जगह की कमी. ऐसे में एक साथ 5-7 बिना टिकट यात्रियों को पकड़ कर लाया जाता है तो कार्यालय भर जाता है. इंच भर जगह नहीं रहती है. इसके अलावा सीटीआई कार्यालय में पानी को साफ करने की लगी मशीन पिछले 6 महीने से हटा दी गयी है. नतीजतन यहां के टीई बोतल बंद पानी खरीद कर पीने को विवश हैं.
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टीई के लिए लॉकर तक नहीं
बोकारो रेलवे स्टेशन का टीई कार्यालय विकास की बाट जोह रहा है. यहां कार्यरत टीई के लिए लॉकर तक की व्यवस्था नहीं है. आवश्यकता के अनुसार कमरे की लंबाई चौड़ाई (10/15) सहित अन्य व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. एक कंप्यूटर, सात कुर्सी, दो अलमारी तथा तीन शीटर एक कुर्सी बोकारो रेलवे स्टेशन के सीटीआई कार्यालय की पूंजी है. विडंबना है कि आद्रा मंडल में सबसे अधिक कमाई देने के बावजूद बोकारो कार्यालय में सुविधाजनक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. हैरत की बात यह भी है कि किसी यूनियन ने अब तक मांग नहीं उठायी है और न ही किसी उच्च अधिकारी ने सुध ली. यहां कार्यरत टीटी बिना कोई डिमांड किये, जैसे तैसे स्वयं को एडजस्ट कर कर्तव्य का निर्वाह करते हैं.
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आद्रा मंडल में एक भी टीसी नहीं, बोकारो में 60-70 टीई की जरूरत
बोकारो रेलवे स्टेशन ही नहीं आद्रा मंडल में एक भी टीसी (स्टेशन पर टिकट जांच करने वाला) नहीं है. ये काम भी टीई (ट्रेन में टिकट जांच करने वालों) से ही लिया जाता है. बोकारो रेलवे स्टेशन पर कम से कम 60-70 टीई की जरूरत है, जबकि इनकी संख्या फिलहाल 40 के आसपास है. संख्या बल में कमी के बाद भी राजस्व उगाही में आद्रा मंडल का नंबर एक परफॉर्मेंस लगातार बरकरार रखे हुए है.
छह वर्ष से बंद है टीई से टीसी बनने की प्रक्रिया
सूत्रों की मानें तो टीई से प्रमोशन की प्रक्रिया पिछले छह वर्षों से बंद है. विभागीय प्रमोशन के आधार पर टीई के लिए भविष्य का रास्ता खुलता है. लेकिन प्रमोशन के अभाव में बोकारो रेलवे सहित आद्रा मंडल के टीई दुविधा में हैं.
क्या बोले आद्रा मंडल के सीनियर डीसीएम
आद्रा मंडल के सीनियर डीसीएम विकास कुमार ने बताया कि टीसी और टीई सेम कैटेगरी में आते हैं. पानी को साफ करने वाली मशीन जल्द इंस्टॉल कर दी जायेगी. कमरे की क्षमता के विस्तार को लेकर अमृत योजना के तहत जल्द ही कार्य होगा.