बोकारो (सुनील तिवारी) : एक जनवरी 2017 से तीसरा पे-रीविजन, 2019-20 के पीआरपी का एडवांस भुगतान, 2008-10 बैच के वेतन विसंगति को दूर करना, सेल की इकाइयों की बिक्री पर रोक लगाना, कोरोना संक्रमित कर्मी के आश्रित को नियोजन देने सहित अन्य लंबित मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों ने बनायी. बीएसएल अधिकारी सेल प्रबंधन के नकारात्मक रवैया से आक्रोशित दिखे.
स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) के आह्वान पर बोकारो स्टील प्लांट, राउरकेला, दुर्गापुर, भिलाई, सेलम, विश्वेश्वरैया व अलॉय स्टील प्लांट के अधिकारी लंबित मांगों को लेकर 9 नवंबर को कैंडल मार्च के साथ आंदोलन की शुरू करेंगे. शाम 5:30 बजे के बाद कैंडल मार्च निकलेगा. 14 नवंबर को दीपावली के दिन शाम 7 से 7:15 बजे के बीच अधिकारी घर की बिजली बंद कर रखेंगे. 25 नवंबर को काली पट्टी लगाकर कार्य करेंगे.
बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) की काउंसिल की बैठक सेक्टर 4 एफ स्थित बोसा कार्यालय में अध्यक्ष एके सिंह की अध्यक्षता में हुई. श्री सिंह ने कहा कि वेतन समझौते में देरी सहित अन्य लंबित डिमांड को लेकर बीएसएल-सेल अधिकारियों में गुस्सा है. एक जनवरी, 2017 से वेतन समझौता लंबित है. इसको लेकर सेफी ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. बोसा के बैनर तले बीएसएल अधिकारी आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी में जुटे हैं.
Posted By : Mithilesh Jha