Bokaro News: बोकारो स्टील प्लांट का इतिहास लेजर शो में दिखाया जायेगा. एक शो पंद्रह से बीस मिनट का होगा. इस तरह का आयोजन बोकारो में पहली बार होगा. बिहार की लोकगीत गायिका मैथिली ठाकुर, झारखंड के इंडियन आइडल फेम दिवस नायक सहित लोकप्रिय गायक-गायिका गीत-संगीत से बोकारो को झूमायेंगे. इसके साथ हीं स्टैंड-अप कमेडियन शहरवासियों को गुदगुदायेंगे. यह सब होगा 24 जनवरी को सेल स्थापना के दिवस के मौके पर. बोकारोवासी सेक्टर पांच स्थित लाइब्रेरी मैदान में कार्यक्रम का आनंद उठायेंगे. बोकारो स्टील प्रबंधन ने सेल स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है.
सेल के 50वें स्वर्ण जयंती स्थापना दिवस 24 जनवरी को बीएसएल यादगार बनायेगा. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. सोमवार की सुबह बीएसएल के अतिरिक्त प्रभार ईडी-पीएंडए अमिताभ श्रीवास्तव के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने कार्यक्रम स्थल लाइब्रेरी मैदान सेक्टर पांच का निरीक्षण किया. श्री श्रीवास्तव के साथ बीएसएल के सीजीएम इंचार्ज-पर्सनेल पवन कुमार, सीजीएम इंचार्ज-नगर सेवा, सीजीएम इंचार्ज सामग्री प्रबंधन हर्ष निगम, संचार प्रमुख मणिकांत धान, जीएम-संपर्क एवं प्रशासन एनए सैफी, जीएम-वाटर सप्लाई एके सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. सभी ने स्थल का निरीक्षण कर तैयारी की रणनीति तैयार की.
बोकारो इस्पात कारखाना सार्वजनिक क्षेत्र में चौथा इस्पात कारखाना है. यह सोवियत संघ के सहयोग से 1965 में बनना शुरू हुआ. शुरू में इसे 29 जनवरी 1964 को एक लिमिटेड कंपनी के तौर पर निगमित किया गया. बाद में सेल के साथ इसका विलय हुआ. पहले यह सेल की एक सहायक कंपनी और बाद में सार्वजनिक क्षेत्र लोहा और इस्पात कम्पनियां (पुनर्गठन एवं विविध प्रावधान) अधिनियम 1978 के अंतर्गत एक यूनिट बनी. कारखाने का निर्माण कार्य 6 अप्रैल 1968 को शुरू हुआ. यह कारखाना देश के पहले स्वदेशी इस्पात कारखाने के नाम से प्रसिद्ध है. इसमें अधिकतर उपकरण, साज-सामान व तकनीकी कौशल स्वदेशी ही है. कारखाने का 17 लाख टन इस्पात पिण्ड का प्रथम चरण 2 अक्टूबर 1972 को पहली धमन भट्टी चालू होने के साथ ही शुरू हुआ. निर्माण कार्य तीसरी धमन भट्टी चालू होने पर 26 फरवरी 1978 को पूरा हो गया. 40 लाख टन चरण की सभी यूनिटें चालू हो चुकी हैं. 1990 के दशक में आधुनिकीकरण से कारखाने की क्षमता बढ़ाकर 45 लाख टन तरल इस्पात की कर दी गयी है.
देश की सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की स्थापना 24 जनवरी 1973 को हुई थी. यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है. कंपनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल व विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किये जाते हैं. सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है. इनमें हॉट व कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, विद्युत शीट, संरचनाएं, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील व अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं. सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है. सेल के व्यापक लंबे व सपाट इस्पात उत्पादों की घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है. बिक्री का कार्य सेल का अपना केन्द्रीय विपणन संगठन (सीएमओ) करता है. सेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ 9001: 2000 से प्रमाणित है. कार्यालय नई दिल्ली में है.
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भिलाई इस्पात कारखाना (बीएसपी), छत्तीसगढ़ में
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दुर्गापुर इस्पात कारखाना (डीएसपी), पश्चिम बंगाल में
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राउरकेला इस्पात कारखाना (आरएसपी), उड़ीसा में
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बोकारो इस्पात कारखाना (बीएसएल), झारखंड में
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इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी), पश्चिम बंगाल में
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मिश्र इस्पात कारखाना (एएसपी), पश्चिम बंगाल में
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सेलम स्टील प्लांट (एसएसपी), तमिलनाडु में
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विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट (वीआईएसएल), कर्नाटक में
रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो